ड्राइविंग स्कूलों पर पुलिस की नजर

By: Jan 17th, 2020 12:01 am

अधूरा प्रशिक्षण देने वाले संस्थानों को कानून का पालन करने के निर्देश, नहीं तो होगी कार्रवाई

शिमला – प्रदेश की संकरी सड़कों पर दुर्घटनाओं के पीछे कहीं न कहीं अधूरा प्रशिक्षण लेकर वाहन चलाने वाले लोग भी मुख्य कारण बन रहे हैं। ये ऐसे वाहन चालक हैं, जो प्रदेश में चल रहे ड्राइविंग स्कूलों में प्रशिक्षण ले चुके हैं। इसे देखते हुए प्रदेश में चल रहे ड्राइविंग स्कूलों पर राज्य पुलिस की निगाहें दौड़ने लगी हैं। हालांकि इन टे्रनिंग संस्थानों में इच्छुक लोगों को प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं, लेकिन अधिकांश ड्राइविंग स्कूलों में सिर्फ फीस वसूली की परंपरा शुरू हो चुकी है, जिस कारण ड्राइविंग की पूरी ट्रेनिंग न होने के बावजूद लोग वाहन चलाते हैं और दुर्घटना को अंजाम देते हैं। ड्राइविंग स्कूलों में टे्रनिंग के नाम पर फीस वसूली की शिकायतें पुलिस को मिल चुकी हैं। इसके बाद राज्य पुलिस मुख्यालय ने सभी जिला पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं कि ऐसे ड्राइविंग स्कूलों पर निगरानी बनाए रखें। ड्राइविंग प्रशिक्षण देने वाले स्कूलों को गुणवत्ता में सुधार एवं कानून की अनुपालना के निर्देश दिए गए हैं। बताया गया कि सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारणों में लापरवाही से वाहन चलाना, तेज रफ्तार, नशे में गाड़ी चलाना, फिसलन भरी एवं असमतल सड़क, वाहनों में खराबी, खराब मौसम, बाहरी मोड़ों पर पैरापिट्स का न होना इत्यादि शामिल हैं। इसके साथ-साथ ड्राइविंग स्कूलों में सही प्रशिक्षण न देने का भी हवाला दिया है। पुलिस के मुताबिक वर्ष 2019 में 93.61 प्रतिशत दुर्घटनाएं मानवीय गलतियों के कारण हुई हैं। गत दिनों पुलिस महानिदेशक सीताराम मरड़ी ने ट्रैफिक संचालन कर रहे पुलिस जवानों को निर्देश दिए हैं कि नियमों का पालन न करने वालों पर कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई करने को कहा।

पुलिस ने चिन्हित किए 90 ब्लैक स्पॉट

पुलिस विभाग ने पिछले साल सैकड़ों ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं। इसमें से 71 को लोक निर्माण विभाग द्वारा सुधारा जा चुका है। हिमाचल पथ परिवहन निगम ने भी 169 दुर्घटना संभावित स्थानों की पहचान की है, जिसकी सूची आगामी कार्रवाई के लिए लोक निर्माण विभाग को भेज दी गई है। इसके अलावा आपातकाल प्रबंधन एवं अनुसंधान संस्थान ने भी राज्य में 505 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए है, जिनमें से लोक निर्माण विभाग द्वारा 200 में सुधार कर लिए गया है।


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