फोरेस्ट क्लीयरेंस में फंसा इंडस्ट्रियल एरिया

By: Jan 19th, 2020 12:02 am

जवाब के इंतजार में विभाग, खन्नी में 85 हेक्टेयर भूमि पर पर बसने हैं उद्योग

शिमला-कांगड़ा जिला के खन्नी में घोषित नया इंडस्ट्रियल एरिया डिवेलप करने से पहले फोरेस्ट क्लीयरेंस का पेंच फंसा है। उद्योग विभाग ने इस मामले को लेकर वन विभाग से कहा है कि वहां एफसीए का केस नहीं बनता है, क्योंकि पेड़ों की संख्या उतनी अधिक नहीं है, जिसमें एफसीए आकर्षित हो। ऐसे में राज्य का वन महकमा खुद इसकी मंजूरी देने के लिए पर्याप्त है। अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग की मार्फत उद्योग विभाग ने वन विभाग को अपना पक्ष भेज दिया है। यहां फोरेस्ट विभाग ने कुछ आपत्ति उठाई है, जिसका कहना है कि संबंधित जमीन पर पेड़ होने की वजह से पहले फोरेस्ट की क्लीयरेंस लेनी जरूरी है। बता दें कि खन्नी को डिवेलप करने से पहले इसकी विभिन्न मंजूरियां लेने की कोशिश की जा रही है, जो कि बेहद जरूरी है। यहां दूसरे एनओसी तो मिल गए हैं, लेकिन फोरेस्ट की मंजूरी जरूरी है। यहां पेड़ों की गिनती का काम भी किया गया है। अभी तक वन विभाग की ओर से कोई सूचना नहीं दिए जाने के चलते मामला लटका हुआ है। उद्योग विभाग चाहता है कि जल्द मंजूरी मिले, तो यहां खन्नी इंडस्ट्रियल एरिया को भी विकसित करने के लिए स्टेट इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट कारपोरेशन को सौंपा जाएगा, जो कि पहले भी दो इंडस्ट्रियल एरिया को विकसित कर चुकी है। उद्योग विभाग के पास एरिया विकसित करने को बजट भी है, लेकिन मंजूरी नहीं है। अब वन विभाग की ओर से इसे लेकर क्या किया जाएगा, यह देखना होगा। बता दें कि इस मामले में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी चर्चा होगी, वहीं उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर से इस पर बातचीत हो चुकी है, क्योंकि वह खुद इस इंडस्ट्रियल एरिया को विकसित करने के इच्छुक हैं।

जवाब का इंतज़ार

खन्नी में उद्योग विभाग ने 85 हेक्टेयर जमीन इंडस्ट्रियल एरिया के लिए रखी है। इसके साथ दूसरा एरिया चन्नौर भी उद्योग क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया है। जिस तरह यहां निवेशकों की मांग आ रही है, उसके मुताबिक उद्योग विभाग को जल्द जमीन उपलब्ध करवानी है, इसलिए इस मामले में भी तेजी के साथ काम किया जा रहा है। अब वन विभाग से उनके जवाब का इंतजार है, जिसके बाद सरकार इस पर फैसला लेगी।

 

 

 


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