मिस्टिक विलेज का रहस्य जाना

By: Jan 10th, 2020 12:20 am

चंबा से शोधयात्रा अगले पड़ाव को रवाना,पद्मश्री अनिल गुप्ता कर रहे इस शोधयात्रा की अगवाई

चंबा – छह दिवसीय शोधयात्रा का काफिला मिस्टिक विलेज का रहस्य जानने के बाद गुरूवार को अगले पड़ाव की ओर प्रस्थान कर गया। मिस्टिक विलेज के विजिट का शोधयात्रा में शामिल लोगों ने खूब आनंद लिया। काफी ज्यादा बर्फबारी होने के कारण प्रचंड ठंड के बावजूद शोधयात्रा में शामिल लोगों के चेहरे पर चिंता की कोई भी लकीर नहीं दिखी। उल्टा इस परिस्थिति को भी शोधयात्रा में शामिल लोगों ने एडवेंचर के तौर पर लेते हुए बहुत कुछ सीखा। यहां स्पष्ट कर दें कि जिले के अलग अलग पड़ावों से होते हुए जिला मुख्यालय पहुंचने वाली इस शोधयात्रा में देश भर के अलग-अलग विषय के विशेषज्ञों के अलावा स्कालर शामिल हैं।  मिस्टिक विलेज में पहुंची इस शोधयात्रा के माध्यम से विशेषज्ञों बहुत सी चीजों का अध्ययन किया, जिसे समाज के लिए उपयोगी बनाया जा सकेगा। यह शोधयात्रा पदमश्री प्रोफेसर अनिल कुमार गुप्ता की अगुवाई में चल रही है। शोधयात्रा के आयोजन में अहम भूमिका निभाने वाले मनुज शर्मा ने देते हुए बताया कि चंबा जिले के लोग सौभाग्यशाली है कि देश की 45वीं शोधयात्रा के पड़ाव के लिए चंबा जिले को चुना गया है। समाज को नई दिशा देने को आइडिया रखने वाले इस शोधयात्रा में शामिल लोगों के साथ अपना आइडिया शेयर कर सकते हैं। उन्होंने एक बात फिर दोहराते हुए कहा कि यदि आइडिया सफल रहता है तो फिर आइडिया देने वाले को सम्मानित भी किया जा सकता है।  शोधयात्रा का पहला पड़ाव डलहौजी से शुरु हुआ था। फिर देवीदेहरा, सिलारा, टिक्त्रर, मतोला व तलाई होते हुए चीलबंगला पहुंचा था। यहां पर शोधयात्रा से जुड़े लोगों का काफिला गांव के लोगों के साथ बैठकर महत्वपूर्ण बातें शेयर करने के बाद चींलबंगला होते हुए मिस्टिक विलेज पहुंचा। यहां भनरोत्रा, बनाटू, खबेर व कोहलड़ी के पड़ाव पार करते हुए भलोली मिस्टिक विलेज का विजिट करने के बाद शोधयात्रा से जुड़े लोगों ने इलाके के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। इस पड़ाव के दौरान खज्जियार, मियाडीगला और गजनूई की पैदल यात्रा करते हुए शोधयात्रा से जुड़े लोगों सामाजिक संस्थाओं और लोगों से मिलकर बातें शेयर कीं।


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