सब्जियों में आग…फसलों पर जंगली जानवरों की मार

By: Jan 4th, 2020 12:25 am

कछियारी, घुरकड़ी, सेराथाना, समलोटी, बड़ाई और ठानपुरी के किसान नील गाय और सांभरों के आतंक से परेशान

नगरोटा बगवां –अब की बार बाजार में गोभी को क्यों लगी है आग? क्यों उबल रहा है सरसों और पालक का साग, क्यों बढ़ रहे हैं गाजर-मूली के नखरे,  क्या आने वाले सालों में बाजार से नदारद हो जाएंगी। देशी सब्जियों के दाम सुनकर आम ग्राहक के दिमाग में उपजे इन तमाम सवालों के जवाब इन दिनों सब्जी विक्रेताओं के मुंह से सुनने को स्वयं ही मिल रहे हैं। दुकानदारों का  साफ  कहना है कि अभी महंगी तो मिल रही हैं जनाब, एक-दो साल बाद देशी सब्जियां बाजार से गायब भी हो जाएं, तो हैरान न हों । कारण यह बताया जा रहा है कि पहले स्थानीय पशुओं की मार सब्जियों व फसलों पर पड़ रही थी, जबकि आज जंगली नील गउएं व सांभर प्रजाति के पशुओं का हमला सिरदर्द बन गया है। आलम यह है कि एकाएक बढ़ी सांभर गउओं के प्रकोप से कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं रहा । सब्जी उत्पादन में अग्रणी कछियारी, घुरकड़ी, सेराथाना, समलोटी, बड़ाई व ठानपुरी आदि क्षेत्रों के सब्जी उत्पादक इन दिनों खासे परेशान हैं । किसान बताते हैं कि जंगलों से बाहर निकल बस्तियों तक पहुंचे सांभर कांटेदार तारों के ऊंचे बाड़ों को भी फांद कर खेतों को चट कर जा रहे हैं, जिससे सीजन की गोभी, गाजर, मूली, पालक, सरसों व मटर आदि के उपत्पादन में भारी गिरावट आई है। किसान रात भर जाग कर अपनी खेती की सुरक्षा को मजबूर हैं, जबकि स्थानीय मंडियों में लोकल उत्पादों की आमद घटी  और दाम बढ़े हैं। यही वजह है कि बाजार में साग के दाम 50 और गोभी के दाम 40 रुपए प्रति किलो पर अटैक कर रह गए हैं, जबकि बकौल कारोबारी गत वर्ष इन्हीं सब्जियों के दाम आज की तुलना में आधे थे। किसानों का कहना है कि यही हाल रहा तो अगले साल तक देशी हरी सब्जियों के दर्शन ही दुर्लभ हो जाएंगे। इतना ही नहीं, सांभर पशु से गेहूं की फसल भी महफूज नहीं रही, जबकि पहले ही आवारा छोड़े गए पशुओं के उत्पात से किसान खासी चपत भुगत रहे हैं।  जानकारी यह भी है कि नगरोटा बगवां ही नहीं अन्य उपमंडलों में भी जंगली सूअरों के साथ नील गउओं और सांभरों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, जो किसानों की समृद्धि के लिए खतरे की घंटी है । उधर वन विभाग का कहना है कि उक्त हिरन प्रजाति का यह पशु स्थानीय जंगलों में पहले से ही विद्यमान था, जो हो सकता है वन भूमि से खिलवाड़ के बाद बस्तियों का रुख करने पर उतारू हो । समय के साथ हर प्रजाति में वंश वृद्धि प्रक्रिया को भी संभावित माना जा रहा है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App