हिमपात की डैमेज रिपोर्ट न भेजने पर उपायुक्तों को डांट

By: Jan 23rd, 2020 12:01 am

रिलीफ फंड यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट पर भी झिड़कियां

शिमला – हिमपात की डैमेज रिपोर्ट न भेजने पर जिला उपायुक्तों को डांट की डोज़ दी गई है। रिलीफ फंड के यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट न भेजने पर भी प्रशासनिक अफसरों को लताड़ लगाई गई है। इसके अलावा एनडीआरएफ से 285 करोड़ का पैकेज जारी होने के बावजूद जिला से डिमांड नोट नहीं आ रहे हैं। इसके चलते राजस्व अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर फंड डिमांड भेजने के कड़े निर्देश दिए हैं। बुधवार को राजस्व विभाग के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने सभी उपायुक्तों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से राहत कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने बर्फबारी के दौरान आपदा से निपटने के लिए फंड यूटिलाइजेशन और फंड डिमांड को लेकर कड़े निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में जन सुविधाएं शीघ्र बहाल करने के निर्देश दिए, ताकि लोगों को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों को शरद ऋतु के दौरान विभिन्न आपदाओं के हुए नुकसान का आंकलन कर इसकी रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए। ओंकार शर्मा ने कहा कि सभी जिलों को आपदा प्रबंधन के दौरान बेहतर संचार व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेटेलाइट फोन प्रदान किए गए हैं। इनका नियमित रूप से उपयोग सुनिश्चित बनाया जाए, ताकि जरूरत पड़ने पर किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। प्रधान सचिव ने सभी उपायुक्तों को 15 मार्च, तक ‘जिला आपदा प्रबंधन योजना’ अपडेट करने के निर्देश भी दिए।

हेलिपैड के लिए 51 स्थान

ओंकार शर्मा ने कहा कि आपदा प्रबंधन के मद्देनजर राज्य के विभिन्न स्थानों में हेलिपैड बनाने के लिए 51 स्थल चिन्हित किए गए हैं, जिससे किसी भी आपदा के दौरान विभिन्न राहत कार्य करने में मदद मिलेगी।

ब्लू बुक तैयार करें

प्रधान सचिव ने उपायुक्तों को आपदा प्रबंधन के दौरान दक्षतापूर्ण कार्य करने के लिए ‘ब्लू बुक’ तैयार करने के लिए भी कहा। ब्लू बुक में जिलों में आपदा प्रबंधन के लिए की जाने वाली मॉक ड्रिल से प्राप्त जानकारी, समय व स्थान के आधार पर प्राप्त अनुभव की तकनीकी जानकारी सम्मिलित की जानी चाहिए।


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