हिमाचल में पर्यटन से जुड़ेगा पंचकर्म

By: Jan 29th, 2020 12:01 am

आयुष नीति के तहत मिलेगी मजबूती, आयुर्वेद विभाग शुरू कर रहा प्रक्रिया

शिमला  – हिमाचल में पंचकर्म और पर्यटन को आपस में जोड़ा जाएगा। जिसे लेकर प्रदेश आयुर्वेद अस्पताल एक मास्टर प्लान तैयार करने वाला है, जिसमें सभी जिलों में पंचकर्म सेंटर अस्पतालों में शुरू किए जाएंगें, जिसमें मरीजों को ही नहीं, बल्कि प्रदेश घूमने आए पर्यटकों क ो भी विशेष लाभ मिलने वाला है। जानकारी के मुताबिक आयुर्वेद विभाग इस बाबत एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसे पर्यटन विभाग के साथ मिलकर काम किया जाएगा। गौर हो कि आयुर्वेद विभाग में इलाज की कई पुरानी विधियां भी अस्पतालों में शुरू हो पाएंगी, जिसे प्रथम चरण के तहत पंचकर्म और पर्यटन को साथ में जोड़ा जाने वाला है। अब आयुष नीति भी शुरू हो गई है, जिसे लेकर आयुर्वेद विभाग में पंचकर्म को मज़बूती दी जाएगी। इसके अलावा प्रदेश में इलाज की अब आठ प्राचीनतम विधियों के तहत आयुर्वेदिक डाक्टरों की ट्रेनिंग भी लगभग पूरी होने वाली है। इसमें मर्म चिकित्सा, अनु शास्त्रा कर्मा, सिराविदेश, अग्निकर्मा, जालूका अविचरण, अलाबू कर्मा, मृतिका चिकित्सा और शतकर्मा विधि के तहत सभी आयुर्वेदिक अस्पतालों में मरीजों को इलाज दिया जाना तय किया गया है। यह ट्रेनिंग शिमला में हुई है।

कई बार पूछते हैं पर्यटक

पहाड़ी क्षेत्र होने के नाते प्रदेश में पर्यटक कई बार आयुर्वेद पद्धति के बारे में पूछते हैं। यही नहीं, बल्कि यह भी देखा गया है कि देश में सबसे ज्यादा मशहूर केरल में पंचकर्म पद्धति है, जिसे पर्यटक ों के साथ जोड़कर एक खास दिशा दी गई है। सूचना है कि सबसे पहले शिमला में इस विधि को शुरू किया जाना है। इसमें सबसे पहले लगभग शिमला के दस अस्पतालों में ये लाभ पर्यटकों और मरीजों को मिलने वाला है। जिसके बाद अन्य पांच जिलों में इस योजना को अमलीजामा पहनाय जाएगा।

चिकित्सकों को सिखाई तकनीक

आयुर्वेद विभाग के तहत आने वाली आठ तकनीकें इलाज में काफी पुरानी हैं। जानकारी के मुताबिक आयुर्वेद विभाग के तहत प्रदेश के डाक्टरों को इन विधियों को सिखाने की तकनीक भी बताई गई है, जिसके लिए केंद्र से नामी विशेषज्ञों को बुलाया गया था। केरल से भी प्रदेश में चिकित्सक आए थे।


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