334 वर्ग किलोमीटर बढ़ा वनों का दायरा

By: Jan 3rd, 2020 12:01 am

बिलासपुर – इस साल हिमाचल के वनों का दायरा 334 वर्ग किलोमीटर बढ़ गया है। फोरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया देहरादून की ओर से किए गए सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है। एरिया बढ़ोतरी में पूरे देश में हिमाचल का पांचवां स्थान है। पहले स्थान पर कर्नाटक है, जहां सर्वाधिक वनों का एरिया 1025 वर्ग किलोमीटर तक बढ़ा है। आंध्र प्रदेश में 990 वर्ग किलोमीटर, केरला में 823 और जे एंड के में 371 वर्ग किलोमीटर एरिया बढ़ा है। 2017 के सर्वे में हिमाचल में 15100 वर्ग किलोमीटर वनों का दायरा था, जो कि इस बार की बढ़ोतरी 334 वर्ग किलोमीटर को मिलाकर 15434 वर्ग किलोमीटर हो गया है। यह 27.72 फीसदी है। 2030 तक वनों का दायरा बढ़ाने का लक्ष्य 30 फीसदी तय किया गया है। जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में वनों का भौगोलिक एरिया 55673 वर्ग किलोमीटर है। इसमें एक तिहाई फोरेस्ट एरिया ऐसा है, जो कि साल भर स्नो कवर रहता है। जहां पेड़-पौधे नहीं लगाए जा सकते। अब शेष टू थर्ड यानी 3700 वर्ग किलोमीटर एरिया के विस्तार को लेकर वन विभाग की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सीजन में पौधरोपण अभियान के तहत विभिन्न प्रजाति के पेड़-पौधे जंगलों में रोपे जाते हैं। वन विभाग जंगलों का दायरा बढ़ाने की दिशा में कारगर कदम उठा रहा है। वन विभाग के बिलासपुर में कार्यरत अरण्यपाल आरएस पटियाल इस साल की सर्वे रिपोर्ट में हिमाचल के वनों का दायरा 334 वर्ग किलोमीटर बढ़ने की पुष्टि की है। श्री पटियाल के अनुसार इस वक्त प्रदेश में वनों का दायरा 27.72 फीसदी तक पहुंच गया है, जबकि इसे 2030 तक 30 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार जंगलों के घनत्व में तीन फीसदी तक वृद्धि दर्ज की गई है। जिलावार आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं, तो बिलासपुर में वनों का दायरा 5.7 फीसदी तक बढ़ा है, जबकि चंबा में 12.16, हमीरपुर में 41.90, कांगड़ा में 157.19, किन्नौर में 22.99, मंडी में 12.02, शिमला में 20.41, सिरमौर में 3.87, सोलन में 24.29, ऊना में 76.35 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि कुल्लू में -10.71 और लाहुल-स्पीति में -32.65 फीसदी दर्ज की गई है।


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