तीन शातिरों पर एफआईआर नहीं

By: Feb 6th, 2020 12:30 am

पुलिस भर्ती फर्जीबाड़े में शामिल आठ जवान किए गिरफ्तार, आरोपी तीन दिन के रिमांड पर

धर्मशाला – हिमाचल प्रदेश के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े पुलिस भर्ती फर्जीबाड़े में बड़े खुलासे होने के साथ ही अब पुलिस में सेवाएं दे रहे आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन फर्जीबाड़े के मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। सरकारी नौकरी में डटे तीन शातिरों पर अब तक एफआईआर ही दर्ज नहीं हो पाई है। आरोपियों की जानकारी होने के बावजूद पुलिस के लंबे हाथ उन्हें हिरासत में नहीं ले पा रहे हैं। इस तरह पुलिस, जेल और परिवहन विभाग में नौकरी कर रहे शातिर अब तक पुलिस के चंगुल से बचे हुए हैं। वहीं, पुलिस भर्ती फर्जीबाड़े की एसआईटी टीम ने विभाग को तीन आरोपियों पर भी जल्द एफआईआर दर्ज करवाने को कहा है। दूसरी ओर पुलिस में सेवाएं दे रहे आठ आरोपियों को बुधवार को न्यायालय में पेश किया गया है, जहां से उन्हें तीन दिन का पुलिस रिमांड दिया गया है। इन आरोपियों में से पुलिस विभाग में दो लोग 2015 और छह 2017 में भर्ती होने के बाद सरकारी नौकरी कर रहे थे। गौरतलब है कि पुलिस भर्ती फर्जीबाड़े के मामले में पुलिस ने जंगलबैरी व सकोह बटालियन से आठ जवानों को गिरफ्तार किया था। इन पुलिस जवानों पर आरोप है कि वे फर्जी तरीके से पुलिस में भर्ती हुए थे। कई वर्षों से पुलिस विभाग में भर्ती होकर आरोपियों ने सरकार को लाखों रुपए का चूना भी लगाया है। साथ ही योग्य उम्मीदवार, जिन्होंने अपनी मेहनत से परीक्षा में अच्छे अंक लिए थे, उन्हें भी बाहर कर दिया था। अब फर्जीबाड़े की एसआईटी टीम इन सभी पहलुओं को लेकर गहनता से जांच कर रही है। गौर हो कि गिरफ्तार आरोपियों के नाम फर्जीबाड़े के मुख्य सरगना विक्रम चौधरी ने पूछताछ के दौरान बताए थे। हालांकि आरोपित जवान नौ हैं, लेकिन अभी तक पुलिस ने आठ को ही गिरफ्तार किया है। प्रदेश पुलिस भर्ती फर्जीबाड़े में अब तक 44 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इसके साथ ही आगामी समय में एसआईटी ने और गिरफ्तारियां करने के लिए भी प्रयास तेज़ कर दिए हैं।

पुलिस जवानों पर ही केस

पालमपुर – अगस्त, 2019 में प्रदेश पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा के जिला कांगड़ा के परीक्षा केंद्र परौर में सामने आए नकली उम्मीदवारों के परीक्षा देने के मामले में पुलिस ने अपने ही आठ जवानों पर 420 का मामला दर्ज कर लिया है। गौर हो कि जवाली निवासी मुख्य आरोपी ने खुद कबूल किया है कि प्रदेश में हो चुकी विभिन्न परीक्षाओं में कई युवाओं को वह पास करवाकर उनसे लाखों रुपए ऐंठ चुका है। उसने कई ऐसे युवाओं के नाम भी बताए हैं, जो पुलिस, एचआरटीसी और राजस्व विभाग में नौकरी कर रहे हैं।  पुलिस जांच के बाद अब सारे प्रकरण से पर्दा उठने लगा है। इसमें पुलिस ने मुन्ना भाई के सहारे परीक्षा पास करने के बाद अब पुलिस में नौकरी कर रहे आठ लोगों पर मामला दर्ज कर लिया है।

फर्जीबाड़े का पर्दाफाश

पिछले वर्ष 11 अगस्त को पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में फर्जीबाड़ा सामने आया था। इसमें पुलिस व सीआईडी ने एक दर्जन के करीब लोगों को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था। जनवरी में मुख्य आरोपी विक्रम चौधरी निवासी जवाली ने एसपी कांगड़ा के समक्ष सरेंडर किया था। पूछताछ के दौरान उसने बताया था कि अब तक वह पुलिस, जेल विभाग व परिवहन निगम में 12 लोगों को फर्जी तरीके से भर्ती करवा चुका है। पुलिस विभाग में उसने नौ लोगों को भर्ती करवाया था और उनके नाम व पते भी बताए थे। उसके बयान के आधार पर पुलिस ने आठ आरोपियों के खिलाफ भवारना, पालमपुर व धर्मशाला में मामले दर्ज किए थे। इससे पहले 36 आरोपी गिरफ्तार किए थे। फर्जीबाड़े में अब तक कुल 44 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

ये आरोपी पुलिस रिमांड पर

बुधवार को कोर्ट में पेशी के बाद आारोपी विनोद कुमार निवासी फारियां, संदीप सपहिया निवासी सरोला , रिक्की चौधरी निवासी सियाल, संपत निवासी सियाल, रवि, मनजीत, मुकेश निवासी लुधियाड़ व अमरजीत निवासी फारियां जवाली को तीन दिन का पुलिस रिमांड मिला है।

 


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