वोकेशनल के नाम धोखा बर्दाश्त नहीं

By: Feb 17th, 2020 12:22 am

शिमला-अब प्रदेश की शिक्षा का जिम्मा संभाल रही वाकेशनल कंपनियों को आसानी से बजट नहीं मिल पाएगा। यानी कि जिन कंपनियों के माध्यम से वोकेशनल विषय के प्रैक्टिकल लेने वाली कंपनियों को प्रिंसीपल  ही वैरिफाई कर बजट जारी करेगा। इसके साथ ही अब स्कूलों में वोकेशनल विषय का प्रैक्टिकल  लेने वाले हर व्यक्ति की जांच पड़ताल भी होगी। स्कूल प्रबंधन भी प्रैक्टिकल के लिए आने वाले व्यक्ति के दस्तावेजों को चैक कर सकते हैं। समग्र शिक्षा विभाग ने आदेश दिए हैं कि वोकेशनल के नाम पर अब धोखा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं जो निजी वोकेशनल कंपनियां छात्रों की पढ़ाई के साथ खिलवाड़ करेंगे, उनके साथ एमओयू खत्म कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि हिमाचल समग्र शिक्षा विभाग अब केंद्र सरकार को भी शिकायत पत्र इस बाबत भेज रहा है। फिलहाल समग्र शिक्षा विभाग ने फैसला लिया है कि कोई भी निजी कंपनी पैसा न हड़पे, इसके लिए कितने छात्रों का प्रैक्टिकल हुआ, इसकी रिपोर्ट स्कूल प्रबंधन भी भेजेगा, उसके बाद ही बजट कंपनियों को जारी किया जाएगा। फिलहाल समग्र शिक्षा विभाग सिरमौर के सरकारी स्कूल में प्रैक्टिकल के नाम पर बिना लिजीबल युवा का स्कूल में आने के बाद हरकत में आया है। बता दें कि जिन एक्सपर्ट ने दसवीं व बाहरवीं के छात्रों का प्रैक्टिकल लेना था, उन्होंने अपनी जगह किन्ही और लोगों को ही एक हजार रुपए की दिहाड़ी पर भेज दिया। हैरत तो यह है कि स्कूलों में छात्रों के प्रैक्टिकल लेने आने वाले यह लोग अपनी शैक्षणिक योग्यता भी पूरी नहीं करते हैं। यह खुलासा उस समय हुआ, जब गत शनिवार को सिरमौर के सीनियर सेकेंडरी स्कूल ब्राबील में दसवीं व प्लस टू के छात्रों का प्रैक्टिकल था। इस दौरान शनिवार को स्कूल में अजीबों गरीब युवा आया और कहने लगा कि वह प्रैक्टिकल लेने आया है। उक्त व्यक्ति को यह भी जानकारी नहीं है कि वह किस विषय के प्रैक्टिकल के लिए स्कूल में आया है। वहीं छात्रों से थ्यौरी का पेपर लिया जाएगा, या वाइवा। सिरमौर स्कूल के शिक्षकों ने उक्त अंजान व्यक्ति से जब जांच पड़ताल की, तो उसके पास अपने दस्तावेज ही नहीं थे। ऐसे में स्कूल प्रबंधन ने उस अंजान व्यक्ति की वीडियो ले ली। वीडियो में साफ तौर पर कहा गया है कि उन्हें किसी और ने भेजा है। वोकेशनल शिक्षा को बेहतर कहने वाले दावों के बीच यह एक बड़ा प्रश्नचिन्ह है।

प्रैक्टिकल लेने हिमाचल नहीं पहुंच रहे एक्सपर्ट

भारत सरकार द्वारा सेक्टर स्किल काउंसिल को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह सभी राज्यों के स्कूलों में प्रैक्टिकल लेने के लिए एक्सपर्ट को भेजें। हैरानी इस बात की है कि काउसिंल ने प्रैक्टिकल लेने के लिए एक्सपर्ट का चयन तो किया, लेकिन वह हिमाचल ही नहीं पहुंच पा रहे हैं। दिल्ली से ही छात्रों का प्रैक्टिकल दुकानदारी के माध्यम से हो रहा है।

 

 


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