संस्कृत है भारत का मूलभूत आधार

By: Feb 5th, 2020 12:01 am

नादौन में संस्कृत अकादमी की द्वितीय राजभाषा संस्कृत क्रियान्वयन गोष्ठी 

नादौन  – यशपाल साहित्य प्रतिष्ठान नादौन में हिमाचल संस्कृत अकादमी द्वारा द्वितीय राजभाषा संस्कृत क्रियान्वयन विचारगोष्ठी – 2020 का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ हिमाचल संस्कृत अकादमी के सचिव डा. भक्तवत्सल शर्मा व डा. रत्न चंद शर्मा की अध्यक्षता में किया। इस विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता डा. ओम दत्त सरोच ने हिमाचल सरकार द्वारा संस्कृत को द्वितीय राजभाषा बनाने पर धन्यवाद किया तथा उसके क्रियान्वयन हेतु सभा में विद्यमान संस्कृत शिक्षकों, संस्कृत प्रेमियों व संस्कृत स्नेही सामाजिक लोगों को कहा कि संस्कृत हमारे भारत देश का मूलभूत आधार है और इसमें ही हमारे भारत देश की मूल संस्कृति निहित है।  संस्कृति की रक्षा हेतु व एक संस्कार युक्त देश बनाने हेतु संस्कृत का होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि संस्कृत के उत्तम क्रियान्वयन हेतु समाज में संस्कृत शिक्षकों और संस्कृत प्रेमियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने बताया द्वितीय कक्षा से ही संस्कृत भाषा होने से समाज से विकृतियां दूर होंगी और सभ्य समाज का निर्माण होगा। आज संस्कृत हिमाचल या भारत की ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व के मानव समाज हेतु अत्यंत आवश्यक है। हिमाचल संस्कृत अकादमी के सचिव डा. भक्तवत्सल शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च व उच्च माध्यमिक स्तर पर पूरे हिमाचल में खंड, जिला और राज्य स्तर पर बाल संस्कृत मेला का आयोजन होगा, जिसमें श्लोक गान, संस्कृत गीत, वाद-विवाद इत्यादि संस्कृत विषय पर आधारित प्रतियोगिताएं संपन्न की जाएंगी तथा छात्रों के प्रोत्साहन के लिए उन्हें पुरस्कार भी वितरित किए जाएंगे।


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