कम बच्चों वाले स्कूलों को मर्ज करना ठीक नहीं

By: Mar 17th, 2020 12:01 am

भोरंज – प्रदेश में 20 से कम बच्चों वाले 6127 सरकारी स्कूलों को क्लस्टर सिस्टम में मर्ज करने के सरकार के निर्णय का प्रदेश प्रशिक्षित कला स्नातक संघ के विरोध जताया है। इस निर्णय पर प्रदेश सरकार से पुनर्विचार करने की मांग की है। हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित कला स्नातक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल ने कहा कि बीस से कम बच्चों वाले सरकारी स्कूलों को मर्ज करने से बच्चों को आठ से दस किलोमीटर दूर दूसरे स्कूलों में पैदल जाना पड़ेगा। ऐसे में इन स्कूलों के बच्चे सरकारी स्कूलों में दाखिला होने के बजाय निजी स्कूलों में प्रवेश लेंगे। श्री कौशल ने दावे से कहा है कि सरकार के इस निर्णय से सीधे तौर निजी स्कूलों को ही फायदा होगा, सरकारी स्कूलों को नहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों को फीस नोटिस बोर्ड पर लगाने के आदेश दिए थे, लेकिन अभी तक निजी स्कूलों में फीस की सूचना नहीं लगी है और मनमर्जी से लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में बच्चों को अढ़ाई साल की आयु में दाखिला दिया जा रहा है, जबकि सरकारी स्कूलों में पांच साल की आयु पूरा होने पर दाखिला दिया जा रहा है। इससे स्कूलों में बच्चों की संख्या कम हो रही है। उन्होंने मांग की है कि शिक्षकों के प्रशिक्षण व शैक्षणिक गतिविधियों का एक कैलेंडर सत्र के शुरू में अप्रैल माह में ही जारी करें, ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। उन्होंने भविष्य में नए स्कूल खोलने के लिये उपयुक्त मापदंड तय करने की मांग की है, ताकि स्कूलों को मर्ज करने की नौबत न आए।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App