दोषी को दस साल कठोर कारावास

By: Mar 7th, 2020 12:20 am

मंडी – जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी आरके शर्मा ने नाबालिग से दुष्कर्म करने का अभियोग साबित होने पर दोषी को दस साल के कठोर, सात साल के साधारण कारावास व 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष से मामले की पैरवी जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने की। दोषी के विरुद्ध 14 जुलाई, 2015 को पुलिस थाना सरकाघाट में दुष्कर्म एवं पोक्सो अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ था। बकौल कुलभूषण गौतम, पीडि़ता 13 जुलाई, 2015 को दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे अपनी नानी के घर से अपने घर वापस आ रही थी। रास्ते में पीडि़ता को छिंबा बल्ह के रहने वाले दोषी ने अगवा कर लिया था। अगवा करने के बाद दोषी उसे खेत में ले गया था वहां दुष्कर्म किया था। इसी दौरान वहां से गुजर रही पीडि़ता की मौसी व गांव की दो अन्य महिलाओं ने दोषी को पीडि़ता से दुष्कर्म करते हुए देख लिया। शोर मचाने पर दोषी वहां से भाग गया था। शोर सुनकर पीडि़ता की मां भी मौके पर पहुंच गई थी। पीडि़ता ने पूरी घटना के बारे में अपनी मां का बताया था। मामले की जांच एसआई सतीश कुमार ने की थी। पीडि़ता का मेडिकल क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में करवाया गया था। पुलिस ने दोषी को 15 जुलाई 2015 को गिरफ्तार किया था। दोषी का मेडिकल भी करवाया गया था। पीडि़ता व दोषी का डीएनए परीक्षण करवाया गया। रिपोर्ट में पीडि़ता के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। अभियोजन पक्ष ने अदालत मे 20 गवाहों के बयान कलमबद्ध करवाए थे। अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने पाया दोषी द्वारा किया गया अपराध संदेह की छाया से परे सिद्ध हुआ है। अदालत ने विनोद कुमार दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए दस वर्ष के कठोर कारावास और दस हजारर रुपए के जुर्माने और पोक्सो अधिनियम की धारा चार के तहत सात वर्ष के साधारण कारावास और दस हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को एक साल के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।


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