निधि डोगरा हिमाचल में उभरता नाम

By: Mar 27th, 2020 12:05 am

भूपिंदर सिंह

राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक

योग की शिक्षा उपनिषदों में मिलती है। योग व ज्ञान के द्वारा मोक्ष की बात प्राचीन भारतीय अध्यात्म  में मिलती है। योग से हमें जगत की उत्पत्ति, पालन व संहार करने वाले परमात्मा का ज्ञान होता है। योग के तो वैसे कई रूप व भेद हैं मगर इस के चार प्रमुख भेदों पर चर्चा अधिक हुई है। मंत्र योग, हठ योग,लय योग व राज योग पर साहित्य पढ़ा जा सकता है। योग की चार अवस्थाओं में आरंभ, घट, परिचय व निष्पत्ति मुख्य है। योग को आठ अंगों वाला कहा गया है। इस में महायुद्ध, महाबंध, खेचरी, जालंधर, उड्डयन, मूलबंध, दीर्घ, प्रवण साधन तथा सिद्धांत श्रवण आते हैं…

सभ्यता ने मानव जीवन को स्वस्थ, समृद्ध व खुशहाल बनाने के लिए कुछ न कुछ नया दिया है। जहां यूनान ने एथलेटिक्स को ओलंपिक खेलों के रूप में विश्व शांति व भाईचारे के लिए संसार को एक किया है, वहीं पर आर्यव्रत ने मन व शरीर को अधिक आक्सीजन पहुंचाने से मिलने वाले स्वास्थ शरीर व शांत मन के लिए योग विश्व को दिया है। आज पूरा विश्व इस अलौकिक विधा का दीवाना हो रहा है। भारत कई सदियों तक गुलाम रहा है ।  इसलिए योग पर जो लगातार शोध होना चाहिए था वह नहीं हो पाया है। मगर फिर भी जो वैज्ञानिक अनुसंधान हुए हैं उन में यह सिद्ध हुआ है कि योग शरीर व मन को स्वास्थ रखता है। योग की शिक्षा उपनिषदों में मिलती है। योग व ज्ञान के द्वारा मोक्ष की बात प्राचीन भारतीय अध्यात्म  में मिलती है। योग से हमें जगत की उत्पत्ति, पालन व संहार करने वाले परमात्मा का ज्ञान होता है। योग के तो वैसे कई रूप व भेद हैं मगर इस के चार प्रमुख भेदों पर चर्चा अधिक हुई है। मंत्र योग, हठ योग,लय योग व राज योग पर साहित्य पढ़ा जा सकता है। योग की चार अवस्थाओं में आरंभ, घट, परिचय व निष्पत्ति मुख्य है। योग को आठ अंगों वाला कहा गया है।  इस में महायुद्ध, महाबंध, खेचरी, जालंधर, उड्डयन, मूलबंध, दीर्घ, प्रवण साधन तथा सिद्धांत श्रवण आते हैं। ब्रजोली, आमरोली और सहजोली में तीन प्रकार की मुद्राएं हैं। यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा व भूमध्य यानी समाधि से युक्त योग है। यमों के पालन में आहार की अल्पता सर्व प्रमुख है। नियमों में अहिंसा प्रधान गुण है। सिद्धासन, पदमासन, सिंहासन तथा भद्रासन चार प्रमुख आसन हैं।  अभ्यास की प्रथम अवस्था में विघ्न आते हैं। आलस्य, आत्मा, प्रशंसा व धूर्तपूर्ण विचार प्रमुख विघ्न हैं। नाक के छिद्र से सांस रोकना व छोड़ना प्रमुख है, संसार की अद्भुत सिद्धियां यहीं से प्राप्त होती हैं। संसार के अधिकतर खेल प्रशिक्षक आजकल अपने कूलडाऊन में योग का प्रयोग कर रहे हैं। क्योंकि अभ्यास से हुई थकान को कम करने तथा अगले दिन की सही तैयारी के लिए शरीर में हुए दैनिक प्रदूषण को दूर करने के लिए जिस्मानी कोण पर दबाव के साथ की गई यौगिक क्रियाओं से थकान कम महसूस होती है तथा अधिक आराम मिलता है। जिस तरह भारतीय चिकित्सा पद्धति को पूरा विश्व अपना रहा है, उसी तरह शारीरिक व्यायामों में योग भी लोकप्रिय हो रहा है।

आज भारत में जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक योग की प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। स्कूल व विश्वविद्यालय स्तर पर योग पाठ्यक्रम के साथ-साथ खेलों की सूची में भी शामिल हो चुका है। बीते शिक्षा सत्र में हिमाचल प्रदेश की 14 वर्ष आयु वर्ग की स्कूली राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चौरी जिला हमीरपुर की रबड़ ड़ौल से प्रसिद्ध निधि डोगरा ने रिदिमिक योग में स्वर्ण पदक जीतकर सब को काफी प्रभावित किया । सुजानपुर तहसील के खियुध गांव में पिता शशि कुमार व माता निशा देवी के घर 13 अप्रैल 2009 को जन्मी निधि को योग अपने पिता से विरासत में मिला है।  पिता शशि कुमार निधि के स्कूल में ही शारीरिक शिक्षा के शिक्षक हैं। इस से पहले शशि कुमार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककड़ हमीरपुर में नियुक्ति के समय एक दर्जन योगा खिलाडि़यों को राष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व करवाया  तथा सैकड़ों विद्यार्थियों को योग सिखा चुके हैं। पिता के मार्गदर्शन व प्रशिक्षण में स्कूली खेल प्रतियोगिता के साथ-साथ प्रतिभाशाली निधि ने पिछले साल दूरदर्शन के पंजाबी चैनल पर आयोजित ‘किस में कितना है दम’, हिमाचल सत्र 2 में  ‘हूनर बाज  व हिमाचल गैट टेलेंट में योग विजेता के रूप में पहचान बनाई।  राज्य स्तर की योग प्रतियोगिता में अंडर 12 वर्ष आयु वर्ग में स्वर्ण पदक विजेता व राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चयनित है। राष्ट्रीय स्कूली प्रतियोगिता 2019 में हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रिदमिक योग में पांचवें स्थान तक जगह बना ली। छठी कक्षा की परीक्षा दे रही निधि से  हिमाचल प्रदेश को भविष्य में काफी आशा है। योगा खेल प्रेमियों की सरकार से मांग है कि सरकारी नौकरियों के खेल आरक्षण में योग को भी शामिल किया जाए। आज कल जब  कोरोना को हराने के लिए सब लोग अपने-अपने घरों में बंद हैं, ऐसे में रोज योग कर वे स्वास्थ रह सकते हैं। बात मोक्ष की हो या शारीरिक स्वास्थ्य की योग का सही तरीके से उपयोग किया गया तो यह सहायक सिद्ध होता है।


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