बजट में पेंशनर्ज का कितना हिस्सा
परिवहन निगम के पूर्व कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार से किए सवाल
सुंदरनगर-हिमाचल सरकार हिमाचल पथ परिवहन निगम के पेंशनर्ज की समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं कर पाई है। वर्तमान में पेंशनर्ज को पेंशन समय पर नहीं मिल रही है, जिससे प्रदेश में करीब छह हजार पेंशनर्ज सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं। भले ही 343 करोड़ बजट में प्रावधान निगम के इंप्लाइज के लिए किया गया है, लेकिन इसमें पेंशनर्ज का हिस्सा कितना है, यह बात बजट ही राशि में साफ नहीं की गई है। इससे वर्तमान में परिवहन निगम के पेंशनर्ज असमंजस में हैं। इस संदर्भ में हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कल्याण मंच की बैठक सुरेंद्र सूद प्रभारी मंडी मंडल क्षेत्र की अध्यक्षता में सुंदरनगर में संपन्न हुई। बैठक में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के भत्तों का भुगतान समय पर न मिलने पर सभी कर्मचारियों ने गहरी चिंता व्यक्त की, जिसमें प्रमुख रूप से लीव-एन-कैशमेंट का भुगतान दिसंबर, 2016 से और ग्रेच्युटी 2017 तक के बाद का भुगतान अभी तक निगम द्वारा नहीं किया गया है। साथ ही मेडिकल बिलों का भुगतान पहली जुलाई, 2018 से नहीं हुआ है। डीए का एरियर पहली जुलाई, 2015 से 27 प्रतिशत आज तक लंबित पड़ा है। महंगाई भत्ता 13 प्रतिशत लंबित है, जो कि सरकारी कर्मचारियों को मिल चुका है, लेकिन पेंशनर के एरियर का भुतान अभी तक नहीं हुआ है। जिन सेवानिवृत्त कर्मचारियों 2018 को पेंशन लग चुकी है, उनके पेंशन के एरियर का भुगतान आज तक नहीं हो पाया है। ज्यादातर से बंद कर्मचारियों का 4-9-14 और 8-16-24 का भुगतान पिछले पांच सालों से लंबित पड़ा है। कई सेवानिवृत्त कर्मचारियों का रिवाइज पेंशन का एरियर भुगतान भी नहीं हुआ है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों की निगम से देय भत्तों के भुगतान की राशि 203 करोड़ के करीब बनती है। उसका भुगतान भी शीघ्र अतिशीघ्र किया जाए। बैठक में सुरेंद्र सूद, अशोक परमार कर्म सिंह ठाकुर, अजीत कुमार, रोशन लाल, ईश्वर दास, प्रताप सिंह, महेंद्र कुमार, नंदलाल, मंगत राम, नरेश कुमार, मुनी लाल, तारा चंद, ओम प्रकाश, सुरेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।
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