हाई कोर्ट की हिमाचल सरकार को फटकार

By: Mar 6th, 2020 12:30 am

आदेशों के बाद भी नहीं बना मानवाधिकार कमीशन

शिमला – अदालती आदेशों के बावजूद हिमाचल सरकार द्वारा प्रदेश में मानवाधिकार कमीशन का गठन न किए जाने पर प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रतिकूल टिप्पणी की। मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी और न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ  की खंडपीठ ने अदालती आदेशों की अवहेलना किए जाने पर मुख्य सचिव को आगामी 12 मार्च के लिए अदालत के समक्ष तलब किया है। पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने अदालत के समक्ष बयान दिए थे कि प्रदेश में मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति बारे विभिन्न हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सूचित कर दिया गया है। प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति किए जाने बारे राज्य सरकार ने चार महीनों का समय मांगा था। कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि वह एक सप्ताह के भीतर अदालत को बताए कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार राज्य में मानवाधिकार आयोग की स्थापना क्यों नहीं की गई। न्यायालय के समक्ष दायर जनहित याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि स्टेट ह्यूमन राइट कमिशन वर्ष 2005 से कार्य नहीं कर रहा है। राज्य सरकार की ओर से इसे क्रियाशील रखने के लिए जरूरी पदों पर नियुक्तियां नहीं की गई हैं, जबकि पिछले 15 सालों में तीन बार सरकार बदल चुकी है। इससे लोगों के अधिकारों का हनन होने की स्थिति में उनको तुरंत न्याय दिलवाने के लिए कोई उपयुक्त फोरम नहीं है। याचिका में ऐसे कई उदाहरण दिए गए हैं कि ह्यूमन राइट कमीशन न होने पर लोगों को गुहार लगाने के लिए अदालतों का सहारा लेना पड़ा। इसी तरह राज्य सरकार की ओर से लोकायुक्त का भी गठन नहीं किया गया है। इस कारण लोकायुक्त के अधीन आने वाले मामलों पर कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है। मामले की आगामी सुनवाई 12 मार्च को निर्धारित की गई है।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App