हिमाचल और केरल का युग्म

By: Mar 14th, 2020 12:05 am

प्रत्यूष शर्मा

लेखक, हमीरपुर से हैं

सरदार पटेल जी को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी ने विभिन्न राज्यों को सांस्कृतिक एकता के सूत्र में पिरोने के उद्देश्य से ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान शुरू किया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के सभी राज्यों को उनकी संस्कृति एवं इतिहास से जोड़ना है जिससे देश में एकता के नए रूप का संचार हो सके। यह योजना मूलतः भारत के राज्यों के लिए है जिसमें प्रति वर्ष एक राज्य किसी अन्य राज्य का चुनाव करेगा और उस राज्य की भाषा, इतिहास, संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान आदि को अपनाएगा। इससे दोनों राज्यों के बीच एक नया रिश्ता बनेगा। इससे राज्य आपस में संगठित होंगे और एक-दूसरे की भाषा को समझेंगे जिससे अनेकता में एकता का विकास होगा। सरकार की इस पहल का मूल उद्देश्य, देश में आंतरिक रूप से व्याप्त सांस्कृतिक अंतर को कम कर विभिन्न राज्यों के लोगों के बीच आपसी मेल-जोल को बढ़ावा देना है…

भारत के लौह पुरुष कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत केंद्रीय सरकार द्वारा सन् 2014 में की गई। 31 अक्तूबर 2015 को प्रिय सरदार पटेल जी को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी ने विभिन्न राज्यों को सांस्कृतिक एकता के सूत्र में पिरोने के उद्देश्य से ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान शुरू किया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के सभी राज्यों को उनकी संस्कृति एवं इतिहास से जोड़ना है जिससे देश में एकता के नए रूप का संचार हो सके। यह योजना मूलतः भारत के राज्यों के लिए है जिसमें प्रति वर्ष एक राज्य किसी अन्य राज्य का चुनाव करेगा और उस राज्य की भाषा, इतिहास, संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान आदि को अपनाएगा। इससे दोनों राज्यों के बीच एक नया रिश्ता बनेगा। इससे राज्य आपस में संगठित होंगे और एक-दूसरे की भाषा को समझेंगे जिससे अनेकता में एकता का विकास होगा। सरकार की इस पहल का मूल उद्देश्य, देश में आंतरिक रूप से व्याप्त सांस्कृतिक अंतर को कम कर विभिन्न राज्यों के लोगों के बीच आपसी मेल-जोल को बढ़ावा देना है, जो अंततः राष्ट्र की मजबूती व एकता का महत्त्वपूर्ण कारक बनेगा। साथ ही इससे भारतीय शासन व्यवस्था के संघात्मक ढांचे को भी बल प्राप्त होगा। इससे आंतरिक संघर्षों को रोकने तथा देश में व्याप्त अंतर्विरोधी तत्त्वों के आपसी टकराव को रोकने में मदद मिलेगी। एक भारत श्रेष्ठ भारत सरदार वल्लभभाई पटेल की स्मृति को नव जीवन देता है। वे एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने आजादी के बाद छोटे-छोटे राज्यों को देश में सम्मिलित कर देश का सुखद एवं शांति पूर्ण एकीकरण किया था। आज उसी एकीकरण में एक भारत श्रेष्ठ भारत नव-ऊर्जा का संचार करेगा जिससे देश में शांति एवं एकता का संचार होगा। सरकार ने राज्यों के बीच एक समिति का गठन किया है जो कि इस योजना को सही तरीके से नियमानुसार क्रियान्वित करेगी। योजना के अनुसार दो राज्य आपस में अपने छात्रों का आदान-प्रदान करेंगे जो एक वर्ष तक दूसरे राज्य की संस्कृति को समझेंगे, उनके बारे में सीखेंगे, अगले वर्ष दूसरे राज्य का चुनाव किया जाएगा और इस तरह से यह योजना अपना कार्य करेगी।

हिमाचल प्रदेश को भारत सरकार के कार्यक्रम एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत केरल के साथ जोड़ा गया है। दोनों राज्यों में कई समानताएं हैं जैसे सर्वोत्तम साक्षरता दर, अच्छे सामाजिक संकेतक, पर्यटन, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आयुर्वेद । गत वर्ष यूथ एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत केरल के 50 युवाओं ने हिमाचल का दौरा किया और हमारे राज्य के 50 युवा केरल गए। इस योजना के तहत हिमाचल से 96 मेधावी विद्यार्थी, 72 शिक्षक और 36-36 एनसीसी व एनएसएस छात्र केरल की संस्कृति जानने के लिए केरल गए। केरल के कोझीकोड जिले में नेहरू युवा केंद्र में आयोजित विनिमय कार्यक्रम में दोनों राज्यों के नौजवानों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के तहत दोनों राज्यों के मुहावरों और लोकोक्तियों को दर्शाने वाली पांच सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों का आदान-प्रदान और अनुवाद किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश कला और भाषा अकादमी इस दिशा में सराहनीय काम कर रही है। केरल एक बड़ा राज्य है जो सभी क्षेत्रों में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। हमारे अधिकारी, छात्र और अन्य संबंधित व्यक्ति केरल राज्य से कई चीजें सीख सकते हैं। इस कार्यक्रम के तहत सांस्कृतिक आदान-प्रदान, संबंधों को मजबूत करना, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना तथा छात्रों के एक्सपोजर विजिट का संचालन किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इस कार्यक्रम के तहत 10 लाख रुपए प्रदान किए हैं। इसमें से 5.50 लाख रुपए हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प और हथकरघा निगम को दिए गए हैं, ताकि केरल में विभिन्न हस्तशिल्प जैसे कि पहाड़ी मूर्तिकला, कांगड़ा चित्रकला, चंबा रुमाल को प्रदर्शित करने के लिए प्रदर्शनियां लगाई जा सकें। आयुर्वेद विभाग को 4.50 लाख रुपए प्रदान किए गए हैं, ताकि हम केरल में आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में सर्वश्रेष्ठ अभ्यास सीख सकें।

हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान शिमला द्वारा 9 से 13 मार्च 2020 तक 5 दिन का एक इंटऐर्क्शन प्रोग्राम या कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिसमें लगभग 60 सरकारी कर्मचारी और अधिकारी भाग लेंगे जिसमें से 30 मेजबान प्रदेश हिमाचल से होंगे और 30 जोड़ीदार प्रदेश  केरल से होंगे। ऐसी ही एक कार्यशाला का आयोजन तिरुबनंतपुरम में 17 से 21 मार्च 2020 को किया जाएगा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सरकार, नागरिक, सोशल गु्रप, सरकारी एवं निजी क्षेत्र सभी को मिलकर कार्य करना चाहिए। इस योजना के विस्तार के लिए आधुनिक संसाधन एवं मीडिया का उपयोग किया जाना चाहिए। यद्यपि भारत विविधता के संदर्भ में अनोखा राष्ट्र है किंतु यहां धर्म, जाति, भाषा इत्यादि के नाम पर संघर्ष होते रहते हैं। जो भिन्नताएं संघर्ष का कारण बनती हैं, उनके बीच समन्वय स्थापित कर राष्ट्रीय एकता स्थापित की जा सकती है। इसके लिए आवश्यक है कि लोग अपने से भिन्न संस्कृति को जानें-समझें जिससे किसी प्रकार का पूर्वाग्रह न बन सके। साहित्य और सिनेमा जैसे परंपरागत साधन तथा फेसबुक, यू-ट्यूब जैसे आधुनिक साधनों के माध्यम से सांस्कृतिक विविधता का प्रसार किया जा सकता है। भारत के पास नृत्य, संगीत से लेकर खान-पान तक इतनी विविधता है कि अगर इसे एक राष्ट्रीय पहचान के रूप में ढाल दिया जाए तो भारत इस संदर्भ में अपनी श्रेष्ठता सिद्ध कर सकता है। ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ जैसे महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम की सफलता के लिए आवश्यक है कि राज्य एवं नागरिक दोनों अपनी भूमिका का बेहतर ढंग से निर्वाह करें। भारतीय समाज में विकास की अपार संभावना है क्योंकि अनेकता और विविधता विकास की ओर ले जाती है। भारत देश की विविधता ही उसकी शक्ति है, जिसे बनाए रखना हम सबकी साझी जिम्मेदारी है।


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