दिल्ली पहुंचा जंगी-थोपन प्रोजेक्ट मामला

By: Apr 3rd, 2020 12:01 am

एसजेवीएनएल ने मांगी इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस की मंजूरी

शिमला – कई साल से अधर में लटके जंगी-थोपन-पोवारी प्रोजेक्ट का मामला आखिरकार दिल्ली तक पहुंच गया है। सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड को प्रोजेक्ट मिलने के बाद बड़ी उम्मीद जगी है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम को यह परियोजना सौंपने से उम्मीद है कि जल्द इस पर काम शुरू हो जाएगा, जो कि न जाने कितने साल से राजनीति का शिकार हो रहा है। इस परियोजना के निर्माण से राज्य सरकार का भार भी हल्का हो जाएगा। 780 मेगावाट क्षमता की इस परियोजना की इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस का मामला केंद्र सरकार को भेजा गया है। केंद्र सरकार एसजेवीएनएल को यह मंजूरी देती है, तो यहां पर आगे काम शुरू होगा। हालांकि निगम के पास कई दूसरी परियोजना भी अभी अधर में है, मगर जंगी-थोपन को मंजूरी मिलने के साथ इस पर काम शुरू हो जाएगा। यह बहुप्रतिक्षित परियोजना है और सरकार भी चाहती है कि इस पर तेजी के साथ काम किया जाए। ऐसे में सतलुज निगम ने अपनी टीम फील्ड में उतार दी है, जिसने सर्वे इन्वेस्टरगेशन का काम किया है। अब टर्म ऑफ रेफरेंस के लिए काम किया जा रहा है। तत्कालीन धूमल सरकार के समय से यह प्रोजेक्ट विवादों में है, मामला अदालत तक पहुंचा। अभी संबंधित उस कंपनी की राशि भी सरकार में जमा है, जिसे लेने के लिए एक कंपनी प्रयास कर रही है, मगर यह नियमों में नहीं है। ऐसे में नियमा के विपरीत जाकर सरकार पैसा नहीं दे सकती। कोई भी निजी कंपनी अब इस परियोजना को लेने के लिए आगे नहीं आ रही थी। लिहाजा सार्वजनिक उपक्रम को यह प्रोजेक्ट सौंपकर सरकार खुद भी कमाई करना चाहती है। इसमें सरकार की भी हिस्सेदारी होगी। केंद्र सरकार से कितनी जल्दी इस प्रोजेक्ट की इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस मिलती है, इस पर बात टिकी है। इसके साथ यहां पर करोड़ों रुपए की परियोजना पर काम शुरू कर दिया जाएगा।


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