आईजीएमसी की डाक्टर का कमाल, बिना चीर-फाड़ किया पित्त की पथरी का इलाज

By: Aug 5th, 2020 12:05 am

शिमला – आईजीएमसी के रेडियोलॉजी विभाग में तैनात सहायक प्रोफेसर डा. शिखा सूद ने एक बार फिर इतिहास रचा है। इस बार उन्होंने जिला शिमला के कोटखाई के बगदा से आए 66 साल के अमर सिंह को हिपैटिक आर्टरी की क्वाइलिंग करके नई जिंदगी दी है। यह उपचार पहली बार आईजीएमसी में हुआ है।

अमर सिंह की गंभीर अवस्था को देखते हुए तुंरत उसका सीटी स्कैन एवं अल्टासाउंड किया गया, जिसमें इस बीमारी का पता चला कि उसकी पित की थैली में तीन सेंटीमीटर की पथरी है, जो पित की थैली को चीरती हुई पित की नली में फंस गई है। यही नहीं, इसके साथ ही पत्थर ने साथ ही पड़ी हिपैटिक आर्टरी को भी चीर दिया, जिस कारण मरीज की हालत गंभीर हुई और उसे सूडोएन्यूरिज्म हो गया। ऐसी गंभीर अवस्था में मरीज में खून नसों से बाहर एकत्रित हो जाता है तथा किसी भी समय फट जाने से मरीज की मौत होने की आशंका बढ़ जाती है।


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