नीम से कोरोना उपचार

By: Aug 29th, 2020 12:16 am

नीम से कोरोना उपचार सदियों पुरानी आयुर्वेदिक औषधि है। त्वचा के रोगों से लेकर दांत और हड्डियों तक की समस्याएं दूर करने में इस औषधि का कोई मुकाबला नहीं है। आम फ्लू और वायरल से मुक्ति दिलाने में तो नीम कारगर है। लेकिन कोविड-19 पर नीम का कितना असर रहता है, कैसे इस असर को और बढ़ाया जा सकता है, किस कैटेगरी के रोगियों पर यह अधिक प्रभावी होगा, जैसे जरूरी सवालों के जवाब खोजने में भारतीय डाक्टर्स की टीम जुट गई है। इसके लिए एक भारतीय फार्मा कंपनी ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ  आयुर्वेद के साथ मिलकर काम कर रही है।

ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ  आयुर्वेद के साथ मिलकर भारतीय औषधि निर्माता कंपनी निसर्ग द्वारा डाक्टर्स और हैल्थ एक्सपर्ट्स की एक टीम तैयार की गई है। यह टीम नीम के औषधीय गुणों का कोरोना पर प्रभाव जांचने का काम करेगी।

सूचना के अनुसार वैज्ञानिकों और डाक्टर्स की टीम साथ मिलकर हरियाणा राज्य के फरीदाबाद शहर स्थित ईएसआईसी अस्पताल में कोरोना पर नीम के असर का ह्यूम ट्रायल किया जाएगा। नीम एक भारतीय जड़ी-बूटी है। प्राकृतिक चिकित्सा जगत में नीम के महत्त्व को देखते हुए भारत द्वारा इस पौधे को पेटेंट भी कराया गया है। आयुर्वेदिक तरीके से नीम द्वारा उपचार करके रक्त, पाचन और त्वचा के कई असाध्य रोगों को ठीक किया जा सकता है।

इसके साथ ही आम बुखार, दाद, खाज-खुजली, मच्छरों का काटना, फंगल इन्फेक्शन और पुराने घाव ठीक करने में भी नीम बहुत अधिक प्रभावी पौधा है।

त्वचा के संक्रमण को दूर करे

यदि आपकी त्वचा पर कोई संक्रमण हो गया है और आपको समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें, तो आप तुरंत नीम की कुछ पत्तियां पीसकर संक्रमित जगह पर लगा सकते हैं। कुछ ही दिनों में आपको अंतर नजर आएगा। यदि लाभ न हो, तो आप किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं।

दांत के दर्द से छुटकारा

जो लोग नीम की दातुन से दांतों की सफाई करते हैं, उन्हें जीवन में कभी दांत दर्द या कैविटी की समस्या नहीं होती है। यदि आप नियमित रूप से नीम की दातुन करेंगे, तो धीरे-धीरे आपको इन समस्याओं से पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी।

नीम की पत्तियों से नहाना

जो लोग नहाने के पानी में नीम की पत्तियों का उपयोग करते हैं, उनकी त्वचा पर कभी भी किसी तरह का बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण नहीं होता है। कुछ लोगों की स्किन बहुत अधिक संवेदनशील होती है और बार-बार उनकी त्वचा पर फोड़े-फुंसी, दाद-खाज या दूसरे संक्रमण होते रहते हैं।


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