पहाड़ी प्रदेश में जीवनधारा मोबाइल का महत्त्व: कर्म सिंह ठाकुर, लेखक सुंदरनगर से हैं

By: कर्म सिंह ठाकुर, लेखक सुंदरनगर से हैं Dec 19th, 2020 12:07 am

कर्म सिंह ठाकुर

लेखक सुंदरनगर से हैं

ऐसे में प्रदेश सरकार इन विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन के लिए प्रदेशवासियों के डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड की तरफ  भी ध्यान दे तो आने वाले समय में एक मोबाइल क्लिक से ही पूरा स्वास्थ्य विवरण डाक्टर के सामने आ जाएगा, जिससे डाक्टर भी सही ढंग से डायग्नोज करने में सक्षम होंगे तथा प्रदेशवासियों को भी सही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी। यह प्रदेश की आवश्यकता है। हर प्रदेशवासी का डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड बनाया जाए जिसके माध्यम से सुगमता से सारी जानकारी उपलब्ध हो जाए। जीवनधारा स्वास्थ्य सेवा को भी डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड से जोड़ा जाए। तभी यह योजना हजारों हिमाचल वासियों को नया जीवन देने का काम कर सकती है। वर्तमान में कोरोना वायरस हिमाचल प्रदेश में तीव्र गति से फैल रहा है। ऐसे में भी प्रदेश सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में सजग होना पड़ रहा है…

18 नवंबर 2020 को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा शिमला से ‘जीवनधारा मोबाइल हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ का शुभारंभ किया गया। जीवनधारा वैन में एक चिकित्सा अधिकारी, फार्मासिस्ट, प्रयोगशाला तकनीशियन और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्यरत होंगे। हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां अन्य राज्यों की तुलना में विपरीत हैं, ऐसे में यदि कोई वैन हिमाचल वासियों के घर-द्वार में आकर विभिन्न तरह के टेस्ट करके उपचार करे तो यह हिमाचलवासियों के स्वास्थ्य को तंदुरुस्त रखने के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम माना जा सकता है। यह वैन मोबाइल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में कार्य करेगी।  प्रारंभ में दस वैनों की व्यवस्था की गई है। इनमें कांगड़ा, मंडी और शिमला जिलों को दो-दो और चंबा, कुल्लू, सिरमौर और सोलन जिलों को एक-एक वैन उपलब्ध करवाई जाएगी। आरोग्य वैन में विभिन्न बीमारियों के लिए निदान और परीक्षण की आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद श्री अनुराग ठाकुर द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सुविधा सुनिश्चित करने के लिए ‘सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा’ जून 2018 से शुरू की गई और इसमें केएफटी, क्रिएटिनिन, यूरिक एसिड, बीयूएन, शुगर, ग्लूकोज, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी आदि जैसे 40 मेडिकल टेस्ट की सुविधा प्रदान की जाती है। इसके अलावा मरीजों को निशुल्क दवा भी उपलब्ध कराई जाती है। प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा जो तीन वैन के साथ शुरू की गई थी, अब विभिन्न विधानसभाओं को शामिल करते हुए सत्रह वैन तक बढ़ा दी गई है। अनुराग ठाकुर द्वारा शुरू की गई यह स्वास्थ्य सेवा स्थानीय जनमानस के लिए काफी सहायक सिद्ध हुई है।

प्रदेश सरकार द्वारा जीवनधारा योजना आने वाले समय में प्रदेश की नवीन स्वास्थ्य गाथा लिख सकती है, लेकिन प्रदेश सरकार को इस सेवा के सही संचालन के लिए सटीक रूपरेखा का निर्धारण करना होगा। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हिम केयर योजना के अंतर्गत 500000 तक प्रति परिवार स्वास्थ्य बीमा भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश में 108 तथा 102 एंबुलेंस सेवा का संचालन भी नियमित रूप से हो रहा है। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए अप्रैल 2018 से राजधानी शिमला से मुख्यमंत्री द्वारा बाइक एंबुलेंस सेवा का शुभारंभ भी किया गया था।

 अब बाइक एंबुलेंस सेवा धर्मशाला तथा मंडी में भी संचालित की जा रही है।  वर्ष 2020 में कोरोना महामारी ने दुनिया को यह सबक सिखा दिया कि आने वाले समय में गंभीर बीमारियों से लड़ने के लिए सरकारों को तैयार रहना होगा। लेकिन विशेष तौर से हिमाचल जैसे पहाड़ी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने के लिए प्रदेशवासियों को लंबी यात्राओं से गुजरना पड़ता है तथा अस्पताल में डाक्टरों का न होना व कई तरह की अव्यवस्था, प्रदेशवासियों को साधारण से इलाज के लिए भी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में प्रदेश सरकार इन विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन के लिए प्रदेशवासियों के डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड की तरफ  भी ध्यान दे तो आने वाले समय में एक मोबाइल क्लिक से ही पूरा स्वास्थ्य विवरण डाक्टर के सामने आ जाएगा, जिससे डाक्टर भी सही ढंग से डायग्नोज करने में सक्षम होंगे तथा प्रदेशवासियों को भी सही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी। यह प्रदेश की आवश्यकता है। हर प्रदेशवासी का डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड बनाया जाए जिसके माध्यम से सुगमता से सारी जानकारी उपलब्ध हो जाए। जीवनधारा स्वास्थ्य सेवा को भी डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड से जोड़ा जाए। तभी यह योजना हजारों हिमाचल वासियों को नया जीवन देने का काम कर सकती है। वर्तमान में कोरोना वायरस हिमाचल प्रदेश में तीव्र गति से फैल रहा है। ऐसे में भी प्रदेश सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में सजग होना पड़ रहा है। पिछले काफी लंबे समय से विभिन्न तरह के अस्पतालों में ओपीडी बंद पड़ी हैं। ऐसे में जीवनधारा वैन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करने की सटीक व्यवस्था करना प्रदेश का सबसे बड़ा दायित्व भी बन जाता है। उल्लेखनीय है कि हिमाचल में स्वास्थ्य ढांचा अन्य विकसित राज्यों की तुलना में कमजोर है। यहां छोटी-छोटी बीमारियों का इलाज तो हो जाता है, किंतु बड़ी बीमारियों का इलाज कराने के लिए प्रदेश के लोगों को बाहरी राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों की शरण लेनी पड़ती है। हिमाचल में स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है।

 इस दिशा में बिलासपुर में खुलने जा रहा एम्स आशा की नई किरण जगाता है। इस स्वास्थ्य संस्थान को खोलने के लिए शेष औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए। इस दिशा में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा प्रयासरत लगते हैं। अगर यह स्वास्थ्य संस्थान खुल जाता है, तो प्रदेश के लोगों को बहुत लाभ मिलेगा। हिमाचल को न केवल नए स्वास्थ्य संस्थानों की जरूरत है, बल्कि जो स्वास्थ्य संस्थान पहले से कार्यरत हैं, उनमें सभी सुविधाओं को जुटाना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। हिमाचल में अभी कई ऐसे चिकित्सा केंद्र हैं जहां या तो पर्याप्त संख्या में डाक्टर व अन्य स्टाफ नहीं है, साथ ही चिकित्सा उपकरणों का अभाव भी खटकता है। इस तरह इस क्षेत्र में अभी कई कुछ किया जाना बाकी है। एम्स आशा की एक किरण है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App