चुनाव आयोग के पास मतपेटियों का अकाल, ऐन मौके पर दूसरे राज्यों से मंगवाने पड़े इलेक्टोरल बॉक्स

By: Jan 17th, 2021 12:06 am

मुकेश कुमार—सोलन

हिमाचल प्रदेश निर्वाचन आयोग के पास पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव निपटाने के लिए अपनी मतदान पेटियां ही पूरी नहीं हैं। प्रदेश में पंचायतों की संख्या, तो बढ़ गई, किंतु निर्वाचन आयोग समय रहते हिमाचल के चुनाव के लिए इलेक्टोरल बॉक्स का इंतजाम नहीं कर पाया। लिहाजा ऐन वक्त पर मतदान पेटियों को दूसरे राज्यों से मंगवाया गया है, ताकि पंचायतों, जिला परिषदों, पंचायत समितियों व वार्ड सदस्यों के पदों के लिए चुनावी प्रक्रिया संपन्न करवाई जा सके। हिमाचल प्रदेश निर्वाचन आयोग के पास अपनी 26 हजार के लगभग मत पेटियां हैं। कुछ समय पूर्व प्रदेश में नई ग्राम पंचायतों के गठन की अधिसूचना जारी की गई। प्रदेश में पहले 3226 ग्राम पंचायतें थीं तथा नई पंचायतों के अस्तित्व में आने के बाद यह आंकड़ा कहीं ज्यादा हो गया है। इस तरह 357 ग्राम पंचायतें नई गठित हुई। इसी तर्ज पर सैकड़ों नए वार्ड भी बनाए गए। निर्वाचन आयोग के समक्ष यह दुविधा उत्पन्न हो गई कि यकायक मतपेटियों की संख्या कहां से पूरी की जाए।

 विभागीय दूरदर्शिता का आलम यह था कि समय रहते न तो स्टॉक में अतिरिक्त मतपेटियां थीं तथा न ही नई ग्राम पंचायतों के गठन की भनक पाकर कोई त्वरित कार्रवाई की गई। आनन-फानन में कुल 32000 मतपेटियों की डिमांड कैसे पूरी की जाए, यह मुद्दा निर्वाचन आयोग के गले की फांस बन गया। सूत्रों के अनुसार हिमाचल प्रदेश निर्वाचन आयोग ने कुल छह हजार अतिरिक्त मतपेटियों के यक्ष प्रश्न को सुलझाने के लिए हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्यों में संपर्क किया, किंतु उन राज्यों ने इस मामले में सहायता देने के लिए हाथ खड़े कर दिए। कड़ी मशक्कत के उपरांत राजस्थान व उत्तराखंड के निर्वाचन आयोग ने सहमति देते हुए हिमाचल को यह मतपेटियां उपलब्ध करवाई हैं। जानकारी के अनुसार अलवर व गंगानगर से 4700 मतपेटियां व देहरादून से 1500 मतपेटियों की अतिरिक्त खेप हिमाचल निर्वाचन आयोग को अब पहुंच गई है। इस खेप के आने से निर्वाचन आयोग ने राहत की सांस ली है।


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