‘दिव्य हिमाचल’ के मेगा इवेंट ‘मिस हिमाचल-2020’ के खिताब के लिए जी-तोड़ मेहनत

By: Jan 28th, 2021 9:30 pm

‘दिव्य हिमाचल’ के मेगा इवेंट ‘मिस हिमाचल-2020’ के ग्रैंड फिनाले की तारीख तय हो गई है। छह फरवरी को होने वाले ब्यूटी विद ब्रेन के इस महासंग्राम के लिए फाइनलिस्ट पूरी तरह तैयार हैं, तो आइए आपको रू-ब-रू करवाते हैं शिमला की आरूषि ठाकुर और नगरोटा सूरियां की रुचिका पठानिया से, ये दोनों बालाएं खिताब पाने को बेताब हैं…

इंजीनियरिंग संग मॉडलिंग में नाम चमकाने का सपना

प्रोफाइल

फाइनलिस्ट-1

आरूषि ठाकुर

प्रोफाइल और परिवार

जन्म तिथि :  4 मई, 2000

कद :  5 फुट 6 इंच

परिवार :  पिता बलवीर सिंह पुलिस इंस्पेक्टर, माता  पुष्पा चौहान गृहिणी, भाई आयूष, घर ढली, शिमला

शौक :  मॉडलिंग, एडवेंचर स्पोर्ट्स, कविता लिखना, योग और डॉसिंग

टेकचंद वर्मा — शिमला

‘दिव्य हिमाचल’ के मेगा इवेंट ‘मिस हिमाचल’ के गै्रंड फिनाले को लेकर हिल्सक्वीन शिमला की आरूषि ठाकुर उत्साहित है। मॉडलिग का शौक रखने वाली आरूषि ताज पाने के लिए इन दिनों घटों जी-तोड़ मेहनत कर रही हैं। यह होनहार बेटी ताज पर कब्जा जमाकर अपने सपने का साकार कर अपनी फैमिली का प्राउड फील करवाना चाहती है। आरूषि ठाकुर देहा बलसन की रहने वाली हैं, लेकिन वह लंबे समय से शिमला के ढली में रह रही है। आरूषि की आरंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय जाखू से हुई है। उन्होंने 12वीं कक्षा तक की शिक्षा केंद्रीय विद्यालय से ग्रहण की है। मौजूदा समय में वह यूआईटी शिमला से बीटैक कर रही है। वह बीटैक फाइनल ईयर की छात्रा है। आरूषि को बचपन से ही माडलिंग में अत्याधिक शौक था, लेकिन इनका सपना एक सफल इंजीनियर बनना है। वह सफल इंजीनियर बन कर अपनी प्रतिभा से समाज के लिए बहुत कुछ करने का सपना देख रही है। उनका कहना है कि स्कूल टाइम से ही मॉडलिग प्रतियोगिताओं में भाग लेती रही है। जबसे ‘दिव्य हिमाचल’ द्वारा प्रायोजित ‘मिस हिमाचल इवेंट में उन्होंने ऑडिशन दिया है, वह बेहद उत्साही हैं। वह खुद का सौभाग्यशाली मानती है कि इस मेगा इवेंट के टॉप-20 प्रतिभागी हैं। अब उनका सपना ‘दिव्य हिमाचल’ के मेगा इवेट के ताज पर कब्जा जमाना चाहती है। इसके लिए वह इन दिनों जमकर मेहनत कर रही है। वह फिटनेस के साथ साथ कैटवॉक पर घटों पसीना बहा रही है।

संदेश

आरूषि का कहना है कि खुद पर भरोसा रखना सबसे जरूरी है। हमें खुद पर विश्वास रखना चाहिए, लेकिन मंजिल पाने के लिए मेहनत जरूरी रहती है। इन्हीं गुणों के बल पर बडा मुकाम हासिल किया जा सकता है।

लॉकडाउन कैसे बीता

आरूषि का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान अपने आप को घर में ही व्यस्त रखा है। नए-नए पकवान बनाना इनका शौक बन गया है। अपने मम्मी-पापा के साथ समय व्यतीत करना अच्छा लगा। इसके अलावा उन्होंने ‘दिव्य हिमाचल’ के मेगा इवेंट के लिए लॉकडाउन के दौरान कड़ी मेहनत की।

पीएचडी की है तैयारी एनजीओ से समाज सेवा

प्रोफाइल

फाइनलिस्ट-2

रुचिका पठानिया

प्रोफाइल और परिवार

जन्म तिथि :  8 जुलाई, 1995

कद :  5 फुट 6 इंच

परिवार : पिता ललित किशोर रिटायर्ड जेसीओ, माता ऊषा गृहिणी, भाई रजनीश और आशीष, घर नगरोटा सूरियां, गांव जरपाल

शौक :  डांस, मॉडलिंग, नए शहरों में घूमना और बागवानी

राम स्वरूप शर्मा — नगरोटा सूरियां

‘दिव्य हिमाचल’ के मेगा इवेंट ‘मिस हिमाचल-2020’ की फाइनलिस्ट रुचिका पठानिया के हौसले ग्रैंड फिनाले के लिए बुलंद हैं। वह मिस हिमाचल का खिताब जीतने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही हैं। इसके लिए वह मॉडलिंग और बोलने की कला पर विशेष ध्यान दे रही हैं। कांगड़ा जिला की नगरोटा सूरियां तहसील के जरपाल गांव की इस बेटी ने एमबीए किया है और पीएचडी करने की तैयारी में जुटी हैं। उनका एक एनजीओ खोलकर बच्चों को शिक्षित करने का सपना है। प्राइमरी की शिक्षा उन्होंने नगरोटा सूरियां के आदर्श भारती पब्लिक स्कूल में की और जमा दो राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रैहन में की। इसके बाद उनकी ग्रेजुएशन जालंधर में हुई। इस समय रुचिका पठानिया जालंधर में एक निजी कंपनी में एचआर के पद पर कार्यरत हैं।

रुचिका पठानिया ने बताया कि उन्होंने स्कूल के दिनों में विभिन्न संस्कृतियों में भाग लिया। यह गतिविधियां उन्हें शुरुआत में परेशान करती थीं, लेकिन समय के साथ उन्हें पता चल जाता है कि सीखने, नए लोगों के साथ बातचीत करने, विभिन्न संस्कृतियों, विभिन्न भाषाओं के साथ नए दोस्त बनाने के लिए यह सबसे आवश्यक गतिविधियां हैं। रुचिका ने बताया कि वह सीखने के लिए बहुत ऊर्जावान और उत्साही हैं और हमेशा अनुभवों के साथ बढ़ना चाहती थीं। वह कभी भी खुद को रोकना नहीं चाहती हैं और बिना अनुभव के एक दिन भी नहीं बिताना चाहती हैं। नगरोटा सूरियां के बारे में उन्होंने बताया कि यह बेहद खूबसूरत है।

संदेश

रुचिका का कहना है कि जीवन में मेहनत सबसे बड़ी बात है। युवाआें को अपने सपने साकार करने के लिए सिर्फ सपने देखना ही काफी नहीं, उन पर काम करना भी जरूरी है, जो कि सिर्फ मेहनत से पूरे किए जा सकते हैं।

लॉकडाउन कैसे बीता

रुचिका ने बताया कि उसने लॉकडाउन में तरह-तरह की चीजें की और अपने आप को काफी व्यस्त रखा। खासकर उसने लॉकडाउन धार्मिक किताबों से जुड़कर ही बिताया। इस दौरान उसने भागवत गीता का पाठ किया और इससे जिंदगी को बेहतर तरीके से जीने के लिए बड़ी उन्हें सीख मिली।


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