लॉकडाउन से कम हुए रोड एक्सीडेंट

By: Jan 18th, 2021 12:02 am

दस साल में पहली बार 2300 से कम रहा सड़क हादसों का आंकड़ा, एक हजार से कम की मौत

जयदीप रिहान — पालमपुर

कोविड-19 के दौर में लगे लॉकडाउन का प्रभाव प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के ग्राफ में देखने को मिला है। एक कारण यह भी रहा है कि 2020 में प्रदेश में सड़क हादसों का ग्राफ दस वर्ष में पहली बार 2300 से कम रहा है, वहीं रोड एक्सीडेंट में मौतों की संख्या का आंकड़ा भी एक हजार से कम रहा है। 2020 में प्रदेश में कुल 2236 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 866 लोगों की जान चल गई और 3197 लोग घायल हुए। बीते एक दशक में छह बार प्रदेश में सड़क हादसों की संख्या तीन हजार के पार रही थी। 2010 में 3069, 2011 में 3099, 2014 में 3058, 2015 में 3010, 2016 में 3159 और 2017 में 3119 के बाद 2018 में प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा 3119 रहा था।

इन हादसों में 2010 में 1102, 2011 में 1353, 2014 में 1199, 2015 में 1097,2016 में 1163, 2017 में 1176 और 2018 में 1168 ने लोगों की जान गई थी। 2020 में सबसे अधिक 400 सड़क हादसे जिला शिमला में पेश आए, जबकि बीते वर्ष जिला कांगड़ा में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 361 रही। जिला मंडी में 277, जिला सिरमौर में 203, जिला ऊना में 184, जिला कुल्लू में 163 सड़क दुर्घटनाएं पेश आईं। जानकारों के अनुसार दोपहिया वाहन चालकों द्वारा हेलमेट न पहनना व तेज रफ्तार से चलना काफी घातक साबित हो रहा है। वहीं, बड़े वाहनों में लापरवाही से वाहन चलाने के साथ अनेक स्थानों पर सड़कों की खस्ताहालत भी एक्सीडेंट का कारण बन रही है। यातायात नियमों के पालन को लेकर जागरुकता शिविरों का आयोजन किया जाता रहा है, वहीं स्कूली बच्चों को भी यातायात संबंधी आवश्यक जानकारी प्रदान की जाती रही है, बावजूद इसके सड़क दुर्घटनाओं में कमी न आना, उसमें जाने वाली जानों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बनती जा रही है। रैश ड्राइविंग के कारण राह चलते लोगों को चोट पहुंचाने के मामलों की संख्या के आधार पर प्रदेश बीते वर्षों के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर टॉप-टेन प्रदेशों की सूची में शामिल रहा है।          (एचडीएम)


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