नींद और काम की उलझन

By: Feb 6th, 2021 12:18 am

आजकल नौकरी का समय केवल सुबह 10 से शाम पांच वाला नहीं रहा है। अब बहुत  ऑड टाइमिंग है, जिनमें लोगों को काम करना पड़ता है। कभी बहुत सुबह तो कभी रात भर काम करना पड़ता है। इन सभी टाइमिंग की वजह से नींद में अप्स-डाउन आते हैं। जिसे शिफ्ट वर्क स्लीप डिसऑर्डर कहते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि 10 से 40 फीसदी लोग, जो दिन और रात की शिफ्ट में काम करते हैं, वो शिफ्ट वर्क स्लीप डिसऑर्डर का अनुभव करते हैं। दरअसल शिफ्ट में काम करने वाले ज्यादातर लोग इस डिसऑर्डर के कारण हर रात सही से सो नहीं पाते। डाक्टर की मानें, तो अगर लंबे समय तक नींद पूरी नहीं हो रही है और यही सिचुएशन महीनों तक चल रही है तो ये स्लीप डिप्राइवेशन सिंड्रोम क्रिएट करेगा और फिर डिप्रेशन होगा। तो आइए विस्तार में समझते हैं कि क्या है ये डिसऑर्डर और कैसे करें इससे अपना बचाव।

शिफ्ट वर्क स्लीप डिसऑर्डर के लक्षण

शरीर में थकान- जब कोई व्यक्ति छह से आठ घंटे की नींद पूरी नहीं कर पाता तब शरीर में थकान होने लगती है। इस स्थिति में आप कितना ही सो लें, लेकिन मन शांत नहीं रहता और शरीर व मन दोनों थका हुआ महसूस करते हैं।

आलस- नींद पूरी नहीं होने से शरीर मे थकान होती है और इस थकान के कारण आप पूरा दिन आलस महसूस करेंगे। शरीर में फुर्तिलापन नहीं रहेगा।

झुंझलाहट- नींद की कमी और शरीर में थकान की वजह से आप झुंझलापन महसूस करेंगे। किसी से बात करने का मन नहीं करेगा। बात-बात पर गुस्सा आएगा। कई बार आपको खुद पर भी झुंझालाहट आएगी।

सिर दर्द-  शिफ्ट वर्क डिसऑर्डर में सिर दर्द की शिकायत होने लगती है। शुरुआत में यह आम दर्द लगता है, लेकिन कई महीनों तक नींद पूरी नहीं होने से यह गंभीर परेशानी बन सकती है। सिर दर्द के साथ-साथ बदन में भी दर्द होगा।

डिप्रेशन- इन सभी लक्षणों से डिप्रेशन होगा। शरीर हमेशा थका हुआ और आंखें उनींदी रहेंगी। मन शांत नहीं रहेगा। आप सोने की कोशिश करेंगे, लेकिन नींद नहीं आएगी। कई बार यह स्थिति इन्सोमेनिया में बदल

जाती है।

काम की क्वालिटी खराब होना– जो लोग शिफ्ट वर्क स्लीप डिसऑर्डर से परेशान है, उनमें एकाग्रता की कमी आ जाती है। किसी एक काम पर ध्यान नहीं रख पाते हैं। इससे काम पर असर पड़ता है और काम की क्वालिटी खराब होती है।

कैसे करें बचाव

छह से आठ घंटे सोएं- शिफ्ट वर्क डिसऑर्डर से बचने का सबसे आसान तरीका है पूरी नींद लें। आपको छह से आठ घंटे सोना होगा, तब यह परेशानी कम होगी। अगर आपको शिफ्ट वर्क की वजह से सोने का समय नहीं मिल पा रहा है, तो अपनी नींद का एक शेड्यूल बनाएं। ताकि आपका काम और नींद दोनों ठीक से पूरे हो सकें।

एक्सरसाइज करें

आजकल ज्यादातर नौकरियां डेस्क पर हैं। घंटों बैठकर काम करना पड़ता है। जिससे दिमाग तो थक जाता है पर बॉडी नहीं थकती। बॉडी को थकाने के लिए जरूरी है कि एक्सरसाइज की जाए या फिर कोई ऐसा काम, जिससे बॉडी थके। बॉडी में थकान होने से नींद  अच्छी आएगी।


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