क्यों लगता है दूध के दांतों में कीड़ा

By: Feb 20th, 2021 12:16 am

दांतों में सड़न एक प्रकार के ग्रुप कीटाणुओं से होती है, जिसे म्यूटन स्ट्रेपटाकोकस के नाम से भी जाना जाता है। ये गु्रप मुंह में मौजूद शुगर को खाते हैं, जिसके कारण मुंह में एक प्रकार का एसिड बन जाता है। यह एसिड कैल्शियम को कम करता है, साथ ही दांत की संरचना को भी प्रभावित करता है…
अकसर लोग बच्चे को डेंटिस्ट के पास यह सोचकर नहीं ले जाते कि अभी हमारा बच्चा छोटा है। लेकिन वे ये नहीं जानते कि बच्चों के दांतों में कीड़े लगने की समस्या अब आम होती जा रही है। यह समस्या ठीक प्रकार से ब्रश न करने या दांतों का ध्यान सही से न रखने के कारण पैदा हो जाती है और अगर इसका समय रहते इलाज न किया जाए, तो उन्हें दांतों से जुड़ी अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं। बता दें कि बच्चों में अन्य बीमारियों के मुकाबले दांतों में सड़न सबसे ज्यादा देखी गई है। २ से ११ साल तक के बच्चे इस बीमारी का जल्दी शिकार हो जाते हैं। दांतों में सड़न बैक्टीरिया के कारण होती है। आइए जानते हैं दूध के दांतों में कैविटी होने के क्या कारण होते हैं? साथ ही दांतों में कीड़ा लगने के लक्षण और उसे कैसे रोका जा सकता है।
दूध के दांतों में कैविटी होने के कारण – बता दें कि दांतों में सड़न एक प्रकार के ग्रुप कीटाणुओं से होती है, जिसे म्यूटन स्ट्रेपटोकोकस के नाम से भी जाना जाता है। ये गु्रप मुंह में मौजूद शुगर को खाते हैं, जिसके कारण मुंह में एक प्रकार का एसिड बन जाता है। यह एसिड कैल्शियम को कम करता है, साथ ही दांत की संरचना को भी प्रभावित करता है। ध्यान दें कि बच्चों में इस प्रकार की बीमारी जन्म से नहीं होती है, बल्कि २ साल की उम्र तक आते-आते मां की लार बच्चे के मुंह में जाने के कारण ये समस्या पैदा हो जाती है। ये लार किसी भी तरीके से बच्चे के मुंह में जा सकती है। उदाहरण के तौर पर मां की झूठी चम्मच से खाना खाने के कारण या मां के टूथब्रश से ब्रश करना आदि के कारण आदि।
दूध के दांतों में कीड़ा लगने के लक्षण – ऊपर वाले दांतों पर गम लाइन के ऊपर सफेद धब्बा दिखना (ध्यान दें कि यह धब्बा आपको देखने में दिक्कत हो सकती है)।
बच्चे का बार-बार मुंह की तरफ इशारा करना।
मुंह से लार का निकलना, हर वक्त बच्चे का चिड़चिड़ा रहना।
अपने दांतों से किसी चीज को कुरेदना या मुंह में कुछ चीज को चबाना भी एक प्रकार का लक्षण हो सकता है।
बच्चों के दांतों में कीड़े लगने के लक्षण अलग-अलग नजर आ सकते हैं। ऐसे में एक बार डाक्टर की सलाह जरूर लें
दांतों में कीड़ा लगने से कैसे रोकें –
बच्चों को स्तनपान कराते वक्त या बोतल से दूध पिलाने वक्त जन्म से लेकर १२ महीने के बच्चों के मुंह को अच्छे से कपड़े से जरूर साफ करें।
केवल यह सोच कर कि बच्चा छोटा है उसे ब्रश करवाने में लापरवाही न करें। १२ से ३६ महीने तक शिशु को नियमित रूप से दिन में दो बार ब्रश जरूर करवाएं।
कुछ माताएं अपने बच्चे को बिस्तर पर खाना देती हैं। बता दें ऐसा करने से न केवल दांत में कीड़े लगते हैं, बल्कि कान में इन्फेक्शन और दम घुटने जैसी स्थिति पैदा हो सकती है ऐसे में बिस्तर पर कुछ भी खाने को न दें।
मां को खुद भी अपने दांतो का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। जैसा कि हमने ऊपर भी बताया कि मां के लार से बच्चों के दांतों को खतरा है। ऐसे में आपके दांतों का मजबूत और साफ होना बेहद जरूरी है।
ऊपर दिए उपाय को अपनाकर अपने बच्चों के दूध के दांतों को सड़ने से रोक सकते हैं, लेकिन अगर सड़न ज्यादा फैल गई है और ठीक नहीं हो रही है, तो दंत चिकित्सक के पास तुरंत संपर्क करें, जिससे कि दांत मजबूत और उम्र भर स्वस्थ रह सकें। बच्चों को गुनगुने पानी और नमक से कुल्ला करवाना भी एक अच्छा उपाय है, लेकिन इस उपाय को करवाते वक्त ध्यान रखें कि बच्चा इस पानी को निगले नहीं। बच्चों को दांत साफ करने का तरीका बताएं।


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