भ्रष्टाचार में घिरे 269 सरकारी अधिकारी-कर्मचारी, सात के खिलाफ CBI, 250 के विरुद्ध विजिलेंस कर रही जांच

By: Mar 6th, 2021 12:07 am

राज्य ब्यूरो प्रमुख—शिमला

प्रदेश के 269 सरकारी अधिकारी-कर्मचारी भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्त हैं। इनके विरुद्ध भ्रष्टाचार से संबंधित सीबीआई और विजिलेंस के मामले चल रहे हैं। प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों, निगमों, बोर्डों व बैंकों के भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारी व कर्मचारियों की सूची शुक्रवार को सदन के पटल पर रखी गई। इस सूची में शामिल सात आरोपियों के खिलाफ सीबीआई और 250 के करीब अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ विजिलेंस जांच कर रही है। शेष आरोपियों के खिलाफ दूसरी जांच एजेंसियों का शिकंजा कसा है।

 भ्रष्टाचार के अधिकतर मामले वन, राजस्व, शिक्षा, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग से संबंधित हैं। विधायक राजेंद्र राणा के प्रश्न के लिखित उत्तर में सीएम ने कहा कि यह मामले 31 अगस्त, 2020 तक के हैं, जिसमें सीबीआई ने पुलिस विभाग से पांच, उद्योग विभाग से एक व उच्चतर शिक्षा विभाग से एक को आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में सेवाएं देने वाले करीब 250 अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ विभिन्न आरोपों के चलते मामले विजिलेंस के हवाले किए गए हैं। सरकार की तरफ से उपलब्ध लिखित उत्तर के अनुसार कांगड़ा बैंक, सहकारी सभाएं विभाग, क्षेत्रीय परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग, सहकारी बैंक और स्वास्थ्य विभाग से संबंधित अधिकारी व कर्मचारी भी जांच के दायरे में आए हैं। मृदा संरक्षण, खाद्य आपूर्ति, परिवहन व टीसीपी विभाग तक भी भ्रष्टाचार की आंच पहुंची है।

58 एनएच की डीपीआर को 163.22 करोड़ मंजूर

केंद्र की तरफ से राज्य में 69 राष्ट्रीय राजमार्गों को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी प्रदान की गई है। इसमें 58 राष्ट्रीय राजमार्गों की डीपीआर बनाने के लिए केंद्र से 163.22 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, राजेंद्र राणा और विक्रमादित्य सिंह की तरफ से पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी उपलब्ध करवाई गई। जानकारी के अनुसार 58 सड़कों की डी.पी.आर. बनाने के लिए सलाहकार को कार्य आबंटित किया गया है तथा सर्वे इन्वेस्टिगेशन के उपरांत कार्य को शुरू किया गया है। इसके अलावा ड्राफ्ट संरेखण रिपोर्ट तैयार कर केंद्रीय मंत्रालय नई दिल्ली को स्वीकृति के लिए भेजी है। इस स्वीकृति के बाद सड़कों की डीपीआर बनाने का कार्य किया गया जाएगा।

छह महीने में किए 9086 तबादले

सरकार ने बीते छह महीने के दौरान 31 जुलाई, 2020 तक विभिन्न विभागों में 9086 अधिकारी व कर्मचारियों के तबादला आदेश जारी किए हैं। इनमें प्रथम श्रेणी के 1,160, द्वितीय श्रेणी के 316, तृतीय श्रेणी के 6,962 तथा चतुर्थ श्रेणी के 648 कर्मचारी शामिल है। किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी द्वारा विधानसभा में पूछे गए लिखित सवाल के जवाब में यह जानकारी दी गई। यह भी बताया गया कि तबादलों के बाद इन कर्मचारियों को 7,53,822 रुपए टीए व डीए के रूप में दी गई है।

कोरोना पर सख्ती को फिर रहें तैयार

मामले बढ़ता देख मुख्यमंत्री ने दिए संकेत, दस को फिर बुलाई कैबिनेट मीटिंग

राज्य ब्यूरो प्रमुख—शिमला

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण एक बार फिर तीव्र होने लगा है। इसके चलते 10 मार्च के आसपास दोबारा कैबिनेट बुलाकर इसकी समीक्षा की जाएगी। सदन में विशेष वक्तव्य देते हुए सीएम का कहना था कि कोरोना को लेकर कुछ सख्त कदम उठाए जाएंगे। सीएम ने संकेत दिए कि अधिक संक्रमण वाले शैक्षणिक संस्थानों के संचालन पर भी पुनर्विचार होगा।  पिछले सप्ताह प्रदेश में 200 के करीब एक्टिव केस अब तीन-चार दिनों में बढ़ कर 500 से अधिक हो गए हैं। पिछले साल भी मार्च महीने के दौरान हिमाचल में कोरोना सक्रिय हुआ था। इस कारण सभी को सतर्क रहने की जरूरत है। सीएम ने दोटूक कहा कि अभी कोरोना समाप्त नहीं हुआ है और जिस प्रकार से लोग लापरवाह हो गए हैं। इसके भयंकर परिणाम फिर भुगतने पड़ सकते हैं।

 सीएम ने कहा कि गुरुवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में भी कोरोना के प्रभाव पर गहन मंथन हुआ है। इसके बाद ही यह फैसला लिया गया था कि 10 मार्च के आसपास एक और कैबिनेट बुलाकर स्थिति को देखा जाएगा। सीएम ने संकेत दिए कि जरूरत पड़ने पर कोरोना को लेकर बंदिशें भी लग सकती हैं। उनका कहना था कि पड़ोसी राज्य पंजाब में कोरोना प्रचंड होने लगा है। महाराष्ट्र में इसका प्रभाव फिर उग्र हो गया है। हिमाचल में भी समूह में कोरोना के केस आने लगे हैं। उन्होंने कांगड़ा के ज्ञातो मठ, घुमारवीं, सिरमौर और शिमला में एक साथ आए अधिक मामलों पर सदन का ध्यान आकर्षित किया। सीएम ने सभी विधायकों से आग्रह किया कि वह इस कोरोना वायरस को लेकर जनता को जागरूक करें। हमें एक बार फिर अधिक सावधनी बरतने की जरूरत है। सीएम ने कहा कि उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्थिति पर लगातार निगरानी रखें।

शिवरात्रि महोत्सव पर संशय

सीएम के वक्तव्य के बाद मंडी की शिवरात्रि और बिलासपुर के नलवाड़ पर भी संशय बन गया है। माना जा रहा है कि इन बड़े मेलों के आयोजन पर भी अगली कैबिनेट में फैसला होगा। इसके लिए अगले तीन-चार दिनों में कोरोना की सक्रियता आधार हो सकती है।


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