फसलें तबाह, सरकार दे आर्थिक मदद

By: Apr 24th, 2021 12:01 am

भारतीय किसान यूनियन ने राहत पैकेज के लिए बुलंद की आवाज

विशेष संवाददाता – शिमला

हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी तथा मध्यम ऊंचाई के क्षेत्रों में ओलावृष्टि से सेब तथा अन्य गुठलीदार फसलों का 80 फीसदी या इससे भी अधिक नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। पिछले इतिहास में अप्रैल माह में इतनी अधिक बारिश, ओलावृष्टि तथा बर्फबारी कभी रिकॉर्ड नहीं की गई। मात्र शिमला क्षेत्र में सन 1979 के बाद सबसे अधिक बारिश तथा ओलावृष्टि रिकॉर्ड की गई है।  भारतीय किसान यूनियन हिमाचल के अध्यक्ष अनिंद्र सिंह नौटी ने कहा कि बारिश से सेब के बागीचे और पौधे भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। नेट तथा सपोर्ट सिस्टम बहुत जगह टूट गए हैं। हिमाचल प्रदेश में सेब की आर्थिकी 5000 करोड़ रुपए से भी अधिक की है तथा सरकार भी यह मानती रही है कि पिछले वर्ष कोविड महामारी के दौरान प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सेब की  फसल ने बचाया था। उहोंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि कम से कम 1000 करोड़ रुपए का आपदा राहत पैकेज केंद्र सरकार या प्रदेश सरकार अपने स्तर पर जल्दी से जल्दी किसानों के लिए मुहैया करवाए। सेब बागबान तथा प्रदेश के अन्य फसलें तथा फल पैदा करने वाले बागबान, जिनका भी नुकसान हुआ है, उनको इस वर्ष खेती के लिए दवाइयां तथा खाद पर कम से कम 75 फीसदी का उपदान दिया जाए। इसके अलावा किसानों को खेती में उपयोग के लिए डीजल तथा  पेट्रोल के फ्री-कूपन जारी किए जाएं। ओलावृष्टि से बचाव के नेट जो तहस-नहस हो चुके हैं, वे 100 फीसदी उपदान पर उपलब्ध करवाए जाएं। उन्होंने मांग रखी कि सरकार दो दिनों में कैबिनेट की बैठक बुलाकर किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करें।

मौसम ने अच्छी पैदावार की उम्मीदों पर फेरा पानी

विशेष संवाददाता – शिमला

कांग्रेस विधायक व पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बेमौसमी बर्फबारी, ओलावृष्टि व आंधी-तूफान से सेब की फसल को हुए भारी नुकसान पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ऊपरी शिमला सहित कुछ अन्य जिलों में भी सेब की अधिकांश फसल तबाह हो गई है। भारी बर्फबारी के बाद आंधी से सेब की फसल को बचाने के लिए लगाए गए एंटी हेल नेट तक टूट गए हैं। आंधी से सेब के काफी पेड़ जड़ से उखड़ गए हैं। पेड़ों की टहनियां भी काफी संख्या में टूटी हैं। अन्य नकदी फसलों व फलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि सरकार प्राकृतिक आपदा से किसानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट लेकर तुरंत भरपाई करे, जिससे सेब उत्पादकों व अन्य किसानों के जख्मों पर मरहम लग सके। सुक्खू ने कहा कि सेब उत्पादकों को इस बार अच्छी फसल होने की उम्मीद थी। मौसम भी अभी तक मेहरबान था, लेकिन बीते कुछ दिनों से बारिश के साथ ही बर्फबारी, ओलावृष्टि व तेज आंधी-तूफान ने खूब तबाही मचाई है। इससे सेब उत्पादकों व अन्य किसानों की उम्मीदों पर पूरी तरह पानी फिर गया है। सुक्खू ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि वह सेब की फसल वाले जिलों में बर्फबारी व आंधी से हुए नुकसान की रिपोर्ट जल्द मंगवाकर उत्पादकों व किसानों को फौरी आर्थिक सहायता मुहैया कराएं। साथ ही एंटी हेल नेट की भी व्यवस्था की जाए।

किन्नौर के बागबानों को मांगा मुआवजा

शिमला। हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष नेगी निगम भंडारी ने  हिमाचल सरकार तथा स्थानीय प्रशासन से आग्रह करते हुए कहा  कि शिमला, किन्नौर, कुल्लू व लाहुल-स्पीति में बर्फबारी व ओलावृष्टि से हुए भारी नुकसान का जायजा लिया जाए। इसके लिए वहां के स्थानीय पटवारी को मौके पर जाने के आदेश दिए जाएं। इसके साथ ही प्रभावित बागबानों को मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस भारी बर्फबारी व ओलावृष्टि से उनके सेब के पौधे काफी नष्ट हो चुके हैं। श्री नेगी ने कहा कि जहां अच्छी फ्लावरिंग को देखकर बागबान खासे उत्साहित नजर आ रहे थे, वहीं मौसम ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। इसके साथ-साथ चेरी, नाशपाती व पलम की फसलों को भी खासा नुक्सान पहुंचा है।


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