स्तनपान करवाने वाली माताएं भी फ्रंटलाइन वर्कर्ज

By: Jun 11th, 2021 12:06 am

विदेशी कैदियों सहित श्रम एवं रोजगार विभाग  के कर्मचारी भी शामिल

स्टाफ रिपोर्टर-शिमला

स्वास्थ्य विभाग ने स्तनपान करवाने वाली माताओं को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित कर दिया है। अब प्राथमिकता के आधार पर इन्हें भी वैक्सीन लगना शुरू हो जाएगी। इसके अलावा हिमाचल की विभिन्न जेलों में बंद विदेशी कैदियों और श्रम, रोजगार विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को भी इसी श्रेणी में डाल दिया है। ऐसे में अब इन सभी को अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्ज की तरह वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू किया जाएगा। राज्य में अभी तक एक लाख 49 हजार 906 फ्रंटलाइन वर्कर्ज को कोविड से बचाव के लिए वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है, जबकि 42 हजार 348 फं्रट लाइन वर्कर्ज को नौ जून तक दूसरी डोज भी लगाई जा चुकी है। इससे पहले भी 20 से ज्यादा विभिन्न श्रेणियों को इसी तरह फ्रंटलाइन वर्कर्ज की श्रेणी में डाला गया है, जिसमें सभी को वैक्सीनेट किया जा रहा है। गौरतलब है कि कोविड की तीसरी लहर को लेकर सरकारें पहले ही अलर्ट हो गई है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि तीसरी लहर बच्चों पर ज्यादा प्रभाव डालेगी। ऐसे में इससे स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के भी संक्रमित होने का खतरा है। इसी को देखते हुए सरकार ने स्तन पान करवाने वाली सभी महिलाओं को वैक्सीन लगाने का निर्णय लिया है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के निर्देश दिए गए हैं कि वे इस तरह के गु्रप की पहचान कर जल्द से जल्द उन्हें वैक्सीनेट करवाएं।

प्रमाणपत्र लाना होगा

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार स्तनपान करवाने की माताओं को स्वास्थ्य विभाग से प्रमाण पत्र जारी करवा कर लाना होगा, ताकि उसे पोर्टल पर अपलोड किया जा सके और पता चल सके की महिला स्तनपान करवान रही हैं। इसके अलावा जो विदेशी कैदी हिमाचल की विभिन्न जेलों में बंद हैं, उन्हें जेल अधिक्षक से सर्टिफिकेट लाना होगा। श्रम एवं रोजगार कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों को लेबर इंस्पक्टर सहित एचओटी से प्रमाण पत्र लाना होगा। इसके बाद इन सभी को वैक्सीन लगाई जाएगी।


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