पंजाब नहीं मानेगा कृषि कानून, बीएसएफ का सीमा दायरा बढ़ाने का भी विरोध

By: Nov 12th, 2021 12:05 am

चंडीगढ़, 11 नवंबर(ब्यूरो)
पंजाब सरकार ने राज्य विधानसभा के विशेष सत्र में केंद्रीय कृषि कानूनों पर अमल न करने तथा सीमा सुरक्षा बल(बीएसएफ) का राज्य में दायरा 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने की केंद्र की अधिसूचना के विरोध में गुरुवार को सदन में प्रस्ताव पास किए। कृषि कानूनों के विरोध में कृषि मंत्री रणदीप  नाभा और बीएसएफ से संबंधित प्रस्ताव उप मुख्यमंत्री सुखङ्क्षजदर  रंधावा ने पेश किए। बीएसएफ का दायरा बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव पेश करते हुए श्री रंधावा ने केंद्र पर राज्यों के अधिकारों में दखलअंदाजी करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है और वह कानून व्यवस्था कायम रखने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि ऐसे में केंद्र बीएसएफ का दायरा बढ़ा कर राज्यों के अधिकारों में अतिक्रमण करने तथा इन्हें कमजोर करने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ का दायरा बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने इसे राज्य की जनता का अपमान बताया। वहीं सदन में यह सवाल भी उठा कि इससे पहले कृषि कानूनों को लेकर पिछली कैप्टन अमङ्क्षरदर ङ्क्षसह सरकार के समय भी सदन में प्रस्ताव पारित हो चुका है, लेकिन ऐसे प्रस्तावों की संवैधानिक वैधता क्या है। वहीं विधायक कंवर संधू ने बीएसएफ का दायरा बढ़ाने को लेकर कहा कि केंद्र देश के संघीय ढांचे को छिन्न भिन्न करने का प्रयास कर रहा है। विधायक सिमरजीत ङ्क्षसह मान ने इसका विरोध किया। वहीं कैबिनेट मंत्री परगट सिंह ने कहा कि बीएसएफ को सिर्फ पांच किमी क्षेत्र की जरूरत है।

सदन में विपक्ष और आम आदमी पार्टी(आप) विधायक दल के नेता हरपाल ङ्क्षसह चीमा ने केंद्र के इस कदम को राज्य के हितों पर कुठाराघात करार दिया। उन्होंने राज्य की पिछली और मौजूदा कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्रियों पर संगीन आरोप जड़ते हुए कहा कि बीएसएफ के संबंध में केंद्र के इस कदम के पीछे इन्हीं की भूमिका है। उन्होंने कहा कि दोनों मुख्यमंत्रियों की दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात होती रही है। इन मुलाकातों में क्या डील हुई इसका खुलासा होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कैप्टन अमरिंदर ङ्क्षसह भी राज्य की सुरक्षा खतरे की बात करते थे और अब मौजूदा मुख्यमंत्री चन्नी भी वही भाषा बोल रहे हैं। इस बीच सदन में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित कर दिया गया।


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