पुस्तक समीक्षा : रोचक कहानियों का संग्रह ‘घर वापसी’

By: Dec 12th, 2021 12:05 am

बिलासपुर निवासी कहानीकार मनोज कुमार शिव का पहला कहानी संग्रह ‘घर वापसी’ प्रकाशित हो चुका है। इस कहानी संग्रह में 11 कहानियां संकलित हैं। गरीबी का भूत, इंसाफ, स्याथा, मेवे वाला, रिटायरमेंट, जलेबी मेले की, गोमती का झरना, घर वापसी, बंटवारा, गुरु दक्षिणा तथा बुराई का अंत नामक कहानियां हालांकि विस्तार में ज्यादा लगती हैं, लेकिन रोचकता के कारण पाठक शुरू से लेकर अंत तक कहानी से जुड़ा रहता है। संवाद संक्षिप्त हैं तथा भाषा पात्रानुकूल है। 128 पृष्ठों पर आधारित यह कहानी संग्रह अंतिका प्रकाशन गाजियाबाद से प्रकाशित है। इसका मूल्य तीन सौ रुपए है। कहानी संग्रह को पढ़कर लगता है कि लेखक की लोकजीवन में गहरी पैठ है।

वह सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक व सांस्कृतिक बदलावों को नजदीक से अनुभव करते हैं। अधिकांश कहानियों का कथानक पहाड़ी ग्रामीण परिवेश है जहां की मिट्टी में लोटपोट होकर, नदी-नालों, हाटघराट, जंगल-देवता के थान आदि में उनका बचपन बीता है। इसी परिवेश से उनकी कहानियों के किरदार सामने आते हैं। मनोज की कहानियों के कथानक और पात्र कल्पनालोक के वासी नहीं होते, अपने आसपास के यथार्थ पर बुने जाते हैं जिसमें लोकभाषा, कहावतों, मुहावरों, मान्यताओं और जनपदीय रस्मों-रिवाज की झलक मिलती है। इनकी कहानियों में ग्रामीण परिवेश उभर कर सामने आता है। ग्रामीण जीवन की झलक सहज ही इनकी कहानियों में देखी जा सकती है। आशा है कि पाठकों को यह कहानी संग्रह पसंद आएगा। शीर्षक कहानी ‘घर वापसी’ में किसी महामारी से उपजे भीषण संकट का चित्रांकन हुआ है। साथ ही यह भी दर्शाया  गया है कि क्यों नई पीढ़ी शहरों की नौकरियों की ओर भागती है, जबकि गांव में खेतीबाड़ी के लिए उनके पास पर्याप्त जमीन भी है। कृषि से विमुख होती पीढ़ी का चित्रांकन इस कहानी में हुआ है।

-फीचर डेस्क


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App