सर्वे न होने से रुका शहर में जुड़े नए गांवों का विकास

By: Mar 17th, 2022 12:12 am

बजट न होने से नहीं हो रहा सीवरेज के लिए सर्वे; जल शक्ति विभाग के अनुसार सर्वे पर खर्च होगें 60 लाख, सीवरेज डालने को लेकर नगर निगम नहीं बना रहा पक्की सड़कें

मणिकुमार — मंडी
छोटी काशी मंडी शहर में जोड़े गए नए गांवों में सीवरेज डालने के लिए बजट के अभाव में रुके सर्वे के कारण विकास कार्यों पर रोक लगाई गई है, जिस कारण इन गांवों में लोगों को विकास कार्य ठप होने के चलते भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि नगर निगम की इन गांवों में विकास कार्यों को शुरू करने से सीवरेज का पूरा कार्य करवाना प्राथमिकता है, लेकिन सीवरेज का कार्य बजट न होने के कारण रुका हुआ है। इसके लिए नगर निगम ने सीवरेज डालने को बीते पांच माह पहले से सरकार से बजट की मांग की है। साथ ही जल शक्ति विभाग ने इन गांवों में सीवरेज डालने के लिए होने वाले सर्वे पर करीब 60 लाख रुपए का खर्च बताया है, लेकिन नगर निगम के पास बजट की किल्लत के चलते पिछले पांच माह से अभी तक सीवरेज डालने को न तो सर्वे हो पाया है और न ही इससे संबंधित कार्यों का प्रोसेस आगे बढ़ पाया है, जिससे स्थानीय लोग अपने गांवों में शहर की तरह विकास कार्यों होने का इंतजार में बैठे हुए हैं।

वहीं, नगर निगम की कार्यप्रणाली के अनुसार इन गांवों में सीवरेज डालने के बाद ही पक्की सड़कें, मकान के नक्शे, ढंगे, रेंलिंग सहित नालियों के साथ-साथ अन्य विकास कार्य नहीं हो पाए हैं। इन गांवों में सीवरेज व सड़कों के निर्माण कार्य न होने से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशान इन लोगों को बारिश के मौसम होती है। स्थानीय लोगों को बारिश के दौरान पक्की सड़कें न होने से भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे लोगों में इतने समय के बाद भी सीवरेज का सर्वे न होने से भारी गुस्सा है। वहीं, सीवरेज सुविधा के साथ-साथ स्थानीय लोगों की पेयजल की कमी को लेकर भी सभी परेशानियां दूर हो जाएगी। क्योंकि सीवरेज सुविधा के लिए संबंधित विभाग को क्षेत्र के लोगों के लिए पेयजल की आपूर्ति भी बढ़ानी पड़ेगी। क्योंकि सीवरेज के लिए पानी की अधिक अवश्यकता होती है। इसी के चलते इन लोगों को पेयजल की आपूर्ति 70 लीटर से 135 लीटर प्रति व्यक्ति के हिसाब से जल शक्ति विभाग करेगा। जिसके लिए इन नये गांवों में पेयजल के लिए नए साधनों को भी स्थापित किया जाएगा।

वहीं, नगर निगम के उपमहापौर वीरेंद्र भट्ट ने कहा कि शहर में जोड़े गए नए गांवों में सीवरेज की सुविधा के लिए सरकार से बजट की मांग की गई है। सीवरेज के सर्वे पर ही करीब 60 लाख रुपए का खर्च संबंधित विभाग द्वारा बताया गया है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में पक्की सड़कों को इसलिए नहीं किया जा रहा। क्योंकि सीवरेज डालने के लिए फिर से इन सड़कों को उखडऩा पड़ेगा। जिससे दोगुना खर्च नगर निगम को उठाना पड़ेगा। साथ ही अन्य विकास कार्य भी रुके हुए हैं, जो नगर निगम की प्राथमिकता में शामिल है। (एचडीएम)

नए गांवों को अलग से बनाया जाएगा एसटीपी
शहर में जोड़े नए गांवों के लोगों के लिए अगल से एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण किया जाएगा। क्योंकि पुराने एसटीपी की क्षमता कम हैं, जिस पर ज्यादा लोड नहीं दिया जा सकता। इसके चलते नई सीवरेज योजना के लिए नगर निगम को नए एसटीपी का भी निर्माण करवाना पड़ेगा।


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