Himachal Cabinet: प्राइमरी में बीएड को इनकार, जेओए पोस्ट कोड 817 से कटेंगे 530 पद

By: Jun 6th, 2022 5:01 pm

राजेश मंढोत्रा—शिमला

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कोर्ट में फंसी भर्तियों के मामले में अफसरों की जिम्मेदारी तय की गई है। कैबिनेट ने जेबीटी, जेेओए आईटी पोस्ट कोड 817 और शास्त्री भर्ती पर निर्देश दिए हैं। कैबिनेट ने मुख्य सचिव, विधि सचिव और महाधिवक्ता को ये मामले सुलझाने को कहा है और अपना फैसला भी बता दिया है। जेबीटी भर्ती के मामले में दोहरा विकल्प विभाग को दिया है। या तो सीधी भर्ती की मैरिट में आए बीएड डिग्रीधारकों के पद खाली रखे जाएं या फिर यदि इन्हें नौकरी देनी है, तो यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अंतिम निर्णय से प्रभावित रहेगी। सुप्रीम कोर्ट में यह केस जोधपुर से गया है।

कैबिनेट ने जल्द इस बारे में नियुक्तियां देने के आदेश दिए हैं। इसी तरह के निर्देश जेबीटी बैचवाइज भर्ती को लेकर हैं। वर्तमान में जेबीटी कमीशन में 617 और बैचवाइज में 515 पद फंसे पड़े हैं। जेओए पोस्ट कोड 817 के पदों में कटौती करने पर सहमति बनी है। इस भर्ती में कुल पद 1867 थे, लेकिन पोस्ट कोड 556 के विवाद के कारण इसमें से 530 पद हटाए जा रहे हैं। 1337 पदों के लिए रिजल्ट जल्दी तैयार करने को कहा गया है।

शास्त्री भर्ती के 582 पद भी कोर्ट में फंसे हैं। इनको लेकर विधि सचिव, एडवोकेट जनरल और शिक्षा सचिव को मिलकर प्रयास करने होंगी, ताकि ये भर्ती भी जल्द हो जाए। इस बारे में शिक्षा विभाग की ओर से हाई कोर्ट में संशोधित भर्ती नियम सबमिट किए गए हैं, जिसमें बीएड को जरूरी कर दिया गया है, लेकिन कोर्ट में चल रहा केस पिछली भर्तियों को लेकर डिटेल मांगे जाने के कारण अटका है। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लॉजिस्टिक्स पॉलिसी-2022 को भी स्वीकृति प्रदान की। यह नीति योजनाओं के क्रियान्वयन और निगरानी के लिए विभिन्न विभागों में समन्वय से राज्य के औद्योगिक विकास को सहयोग प्रदान करने की एक प्रभावशाली लॉजिस्टिक्स तंत्र की परिकल्पना को साकार करती है।

इसका उद्देश्य प्रदेश में अन्तरदेशीय कंटेनर डिपो, सामान्य सुविधा केन्द्र, इन्टीग्रेटिड कोल्ड चेन, लॉजिस्टिक्स पार्क, ट्रक टर्मिनल, एयर कार्गाे, गुणवत्ता प्रशिक्षण प्रयोगशाला इत्यादि विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देकर राज्य में लॉजिस्टक्स अधोसंरचना को सुदृढ़ करना है।

ड्रोन पॉलिसी लाने वाला पहला राज्य बना हिमाचल
कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश ड्रोन पॉलिसी-2022 को स्वीकृति दे दी। यह पॉलिसी ड्रोन के उपयोग से शासन एवं सुधार (गरूड़) के आधार पर निर्मित एक समग्र ड्रोन ईको सिस्टम की परिकल्पना को साकार करेगी। इस नीति का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020, औद्योगिक निवेश नीति, हिमाचल प्रदेश स्र्टाटअप/नवाचार योजना, राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क जैसे संस्थागत संयोजन के माध्यम से डिजिटल स्काई अवसरों का उपयोग करना है, ताकि विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार कर ड्रोन क्षेत्र में उपलब्ध रोजगार के अवसरों तक उनकी पहुंच सुनिश्चित की जा सके। इसका उद्देश्य ड्रोन और सक्षम प्रौद्योगिकी के उपयोग से राज्य में रोजगार के अवसर सृजित करना और प्रदेश की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देना है।


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