केंद्र की सब्सिडी का नहीं करना होगा इंतजार, प्रदेश सरकार देगी एडवांस सब्सिडी: मनोहर लाल

By: Sep 19th, 2022 2:22 pm

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत केंद्र सरकार से आने वाली सब्सिडी में यदि देरी होती है तो वह सब्सिडी प्रदेश सरकार एडवांस में देगी। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सिरसा जिले के मछली पालकों के लिए सिरसा में ही मछली पालन से संबंधित टेस्टिंग लैब स्थापित की जाएगी। इससे यहां के झींगा मछली पालकों को सीधे लाभ होगा। इससे पहले यहां के मछली पालकों को रोहतक जाकर लैब टेस्टिंग की सुविधा लेनी पड़ती थी। मुख्यमंत्री सोमवार को सिरसा जिले के चोरमार खेड़ा गांव में आयोजित झींगा किसानों की कार्यशाला में बोल रहे थे।

सीएम खट्टर ने मछली की खरीद और बिक्री के लिए झज्जर या गुरुग्राम में से किसी एक जिले में थोक मछली मार्केट स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे किसानों की आर्थिक तरक्की होगी। सरकार किसान क्रेडिट कार्ड की तरह मछली पाल किसानों को क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध करवा रही है। इसी प्रकार मछली पालन में बीमा करने के लिए भी सरकार बैंक और बीमा कंपनियों से बातचीत कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मछली पालन में बिजली खपत एक बड़ा विषय है। फिलहाल सरकार जिन किसानों की खपत 20 किलोवाट है, उन्हें 4.75 प्रति यूनिट दर पर बिजली उपलब्ध करवा रही है। मछली पालक अपने प्लॉट पर सोलर प्लान्ट भी लगा सकते हैं। इसके लिए उन्हें प्रति हार्स पावर 20 हजार रुपये की सब्सिडी दी जा रही है, जो अधिकतम दो लाख रुपये तक हो सकती है।

उन्होंने बताया कि भिवानी जिले के गरवा गांव में 30 करोड़ रुपए की लागत से एक्वापार्क बनाया जाएगा। यह एक्वापार्क 25 एकड़ में होगा। इसमें मछली पालन से जुड़े नए-नए शोध, मछली पालन की नई किस्म, बीज पर शोध किया जाएगा। इससे मछली पालकों को सीधे लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मिलने वाला लाभ अगले तीन वर्ष तक मिलेगा। झींगा बड़ी मात्रा में एक्सपोर्ट किया जाता है। इससे विदेशी मुद्रा देश में आती है जो भारत की आर्थिक तरक्की के लिए महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि हम हरियाणा में निरंतर सेम व खारे पानी वाली जमीन में झींगा उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं। वर्ष 2014-15 में झींगा पालन का क्षेत्र 70 एकड़ था और कुल उत्पादन 140 टन था जो 2021-22 में बढ़कर 1250 एकड़ और 2900 टन हो गया है। सरकार ने इस वर्ष का लक्ष्य 1250 एकड़ से बढ़ाकर 2500 एकड़ करने तथा उत्पादन 2900 टन से चार हजार टन रखा है। हरियाणा में वर्ष 2014 में कुल 43 हजार एकड़ में एक लाख टन मछली उत्पादन होता था और इस वर्ष यह लक्ष्य बढ़ाकर 54 हजार एकड़ और दो लाख 10 हजार टन रखा गया है। प्रदेश में 25 लाख मत्स्य बीज उपलब्ध करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा कि जिले के किसानों को झींगा उत्पादन का लाभ मिलने वाला है। सेम की भूमि पर इस तरह मछली पालन कर मुनाफा लेना किसानों के लिए बेहतर विकल्प है। केंद्र सरकार के साथ-साथ हरियाणा सरकार भी सहयोग कर रही है। सुनीता दुग्गल ने किसानों से आह्वान किया कि वे आगे बढ़ें सरकार उनके साथ है। झींगा उत्पादन से सेम की धरती अब सोना उगलेगी।

कृषि एवं मत्स्य पालन मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि सिरसा जिले के किसान बधाई के पात्र हैं जिन्होंने खारे पानी में झींगा उत्पादन कर देश में नई क्रांति लाने का काम किया है। यहां के किसानों ने अन्य किसानों को भी रास्ता दिखाया है कि कैसे खारे पानी को निकालकर मछली पालन किया जा सकता है। प्रदेश में 10 लाख एकड़ जमीन में खारे पानी की समस्या है। प्रदेश के सभी किसान इस तरह लागत लगाकर झींगा उत्पादन का जोखिम नहीं ले सकते लेकिन 400 किसानों ने अब कामयाबी की कहानी लिखी है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई कारोबार नहीं है, जिसमें पूंजी लगाकर छह महीने में मुनाफा लिया जा सकता हो लेकिन झींगा उत्पादन ऐसा काम है, जिसमें छह महीने में पूंजी और लागत पूरी हो जाती है और अगले छह महीने में मुनाफा ले सकते हैं।


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