ज्वाइनिंग के बाद प्रोफेसर करवा सकेंगे पीएचडी, पहले पांच साल का था इंतजार, कई नियमों की थी सख्ती

By: Nov 9th, 2022 9:29 pm

यूजीसी ने किया बड़ा बदलाव; पहले पांच साल का था इंतजार, कई नियमों की थी सख्ती

नगर संवाददाता-धर्मशाला

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी ने रिसर्च पीएचडी करवाने के अपने नियमों में बड़ा बदलाब किया है। यूजीसी की ओर से जारी नई नोटिफिकेशन के तहत अब ज्वाइनिंग के बाद से ही प्रोफेसर छात्रों को पीएचडी का अध्ययन करवा सकेंगे। इससे पहले अब तक प्रोफेसर को गाइड बनने के लिए पांच साल का इंतजार करना पड़ता था, साथ ही कई नियमों की सख्ती से भी गुजरना पड़ता था, लेकिन अब यूजीसी के नियमों में फेरबदल करने से सैकड़ों छात्रों को बिना गाइड पीएचडी अनुसंधान से वंचित नहीं रहना पड़ेगा, बल्कि अब अधिक सीटों में पीएचडी के दाखिले हो सकेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने राजपत्र (गैजेट नोटिफिकेशन) जारी कर दी है। इसमें पांच साल का टीचिंग/रिसर्च अनुभव की शर्त को हटा दिया है। इससे सारे देश के नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर को देश के विकास में अपने शोध का योगदान देने का अवसर मिलेगा। वहीं इस विषय को लेकर हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के शिक्षक संघ ने भी यूजीसी से जोर-शोर से मांग उठाई थी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की विशेषज्ञ समिति ने शोध के संबंधित नए अधिनियम तैयार करके महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में लागू करने के लिए दिया था। इसमें यूजीसी पब्लिक नोटिस नंबर 1-3/2021 के जरिए डीटी 17,03,2022 को यूजीसी ने इस ड्राफ्ट अधिनियम को अपने वेबसाइट में डाला।

इसमें यह प्रावधान था कि ज्वाइन के बाद एक असिस्टेंट प्रोफेसर तभी पीएचडी स्कॉलर ले सकता है, जब उसके पांच साल का टीचिंग/ रिसर्च अनुभव हो। प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने इसे संज्ञान में लेते हुए 22-09-2022 में हुई अपनी कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पारित करते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को ज्ञापन देने का फैसला किया। शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. राकेश कुमार और सचिव डा. गौरीशंकर साहू के द्वारा 11 अक्तूबर 2022 में दिए गए ज्ञापन का संज्ञान में लेते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने राजपत्र जारी कर दी है। जिसमें पांच साल का टीचिंग/रिसर्च अनुभव की शर्त को हटा दिया है। इससे सारे देश के नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर को देश के विकास में अपने शोध का योगदान देने का अवसर मिलेगा। शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. राकेश कुमार और सचिव डा. गौरीशंकर साहू ने शिक्षक और छात्रों के हित में लेने वाले इस फैसले के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रोफेसर ममिदाला जगधेश कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया है। इसके साथ शिक्षा मंत्री भारत सरकार धर्मेंद्र प्रधान और डा. सुभास सरकार को कृतज्ञता ज्ञापन की है।


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