हिमाचल को मत्स्य पालन में अवार्ड, बेहतरीन कार्य पर राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड हैदराबाद ने किया चयन

By: Nov 21st, 2022 12:06 am

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — बिलासपुर

मत्स्यपालन क्षेत्र में ओवरऑल बेहतर परफार्मेंस के लिए हिमाचल प्रदेश का चयन बेस्ट हिली एंड नॉर्थ-ईस्टर्न स्टेट अवार्ड के लिए हुआ है। राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड हैदराबाद की ओर से यह अवार्ड 21 नवंबर सोमवार को दमन में स्वामी विवेकानंद ऑडिटोरियम में आयोजित किए जा रहे समारोह में मत्स्य विभाग हिमाचल प्रदेश को केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला द्वारा प्रदान किया जाएगा। इस मौके पर मत्स्य एवं पशुपालन व डेयरी मंत्री डा. एल. मुरूगन, सलाहकार प्रफुल पटेल और दादरा एंड नगर हवेली और दमन एवं दीप के मत्स्य सचिव जतिंद्रनाथ शामिल होंगे। अवार्ड में 10 लाख रुपए का पुरस्कार और शॉल व मोमेंटो मिलेगा। इस अवार्ड को प्राप्त करने के लिए मत्स्य निदेशक सतपाल मेहता दमन के लिए रवाना हो चुके हैं। छोटे से राज्य के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।

जानकारी के मुताबिक प्रदेश में मत्स्यपालन क्षेत्र में बेहतर कार्य किए गए हैं। प्रदेश में इस समय 43785 हेक्टेयर एरिया में तालाबों का निर्माण किया गया है, जबकि 869.24 हेक्टेयर एरिया में छोटी छोटी 232 झीलें बनी हैं, जहां मत्स्यपालन किया जा रहा है। इसके अलावा 1292 ट्राउट रेसवेज हैं। राज्य में मंडी के अलसू, बिलासपुर के दयोली, कांगड़ा, चंबा के सुल्तानपुर, सोलन के नालागढ़, ऊना के दयोली, शिमला के धमवाड़ी, चंबा के होली, थल्ला और भांदल में कार्प फार्म स्थापित हैं, जहां मछली बीज तैयार किया जाता है। ट्राउट फार्मों की बात करें, तो कुल्लू के पतलीकूहल, हामणी, मंडी के बरोट, जंजैहली, किन्नौर के सांगला, शिमला के धमवाड़ी, चंबा के होली, थल्ला और भांदल के फार्मों में ट्राउट तैयार की जाती है। वर्ष 2021-22 में हिमाचल प्रदेश कुल 16015.81 मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन दर्ज किया गया है। इसकी बाजार में लागत 23355.83 लाख रुपए है। प्रदेश में 1035 लाख कार्प बीज तैयार किया गया है, जबकि 23.35 लाख ट्राउट बीज प्रोडक्शन की गई है। प्रदेश के जलाशयों में छह हजार मछुआरे कार्यरत हैं और 2454 किसान कार्प उत्पादन व 666 किसान ट्राउट उत्पादन से जुड़े हुए हैं।


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