सरकार तय करेगी विद्युत प्रोजेक्ट्स का भाग्य, प्रदेश पॉवर कारपोरेशन को सौंपी चार परियोजनाएं

By: Mar 8th, 2023 12:01 am

हिमाचल प्रदेश पॉवर कारपोरेशन को सौंपी बिजली बोर्ड की चार परियोजनाएं

विशेष संवाददाता — शिमला

बिजली बोर्ड प्रबंधन से छिटक कर (हिमाचल प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड) एचपीपीसीएल को मिल रहे चार विद्युत प्रोजेक्ट पर अंतिम फैसला राज्य सरकार लेगी। बिजली बोर्ड प्रबंधन ने प्रोजेक्ट छोडऩे पर मुहर लगाने के बाद रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेज दी है। इन प्रोजेक्ट को पहले प्रदेश सरकार के हवाले किया जाएगा और उसके बाद सरकार प्रोजेक्ट को तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एचपीपीसीएल को सौंप देगी। अब प्रदेश सरकार मंत्रिमंडल की बैठक में इस रिपोर्ट पर चर्चा करेगी। प्रोजेक्ट में अभी फोरेस्ट क्लीयरेंस की दूसरे चरण की मंजूरी फंसी हुई है और इसका निपटारा केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को मिलकर करना है। अब हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड 81.5 मिलियन यूरो के इन प्रोजेक्ट की बागडोर संभालेगा, लेकिन इससे पहले राज्य सरकार को मंजूरी देनी होगी और इस मंजूरी के लिए फाइल कैबिनेट में जाएगी। गौरतलब है कि बिजली बोर्ड प्रबंधन ने 81.5 मिलियन यूरो के चार प्रोजेक्ट एचपीपीसीएल के हवाले करने का फैसला किया है। इन प्रोजेक्ट में 67 मेगावाट बिजली का उत्पादन होना है।

बिजली बोर्ड को इन प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए केंद्र सरकार और केएफडब्ल्यू से ऋण और ग्रांट मिलना तय था, लेकिन अब बोर्ड को यह ग्रांट प्रोजेक्ट छोडऩे के साथ ही वापस लौटनी होगी। जिन चार प्रोजेक्ट को बिजली बोर्ड ने एचपीसीएल को सौंपने का फैसला किया है, इनमें 18 मेगावाट का हेल, 16 मेगावाट का देवीकोठी, 15 मेगावाट का सेईकोठी-एक और 18 मेगावाट का सेईकोठी-2 प्रोजेक्ट शामिल हैं। केंद्र सरकार और केएफडब्ल्यू के बीच 10 अक्तूबर, 2022 को अनुबंध हुआ था, जबकि इसके बाद 11 अक्तूबर को केएफडब्ल्यू, हिमाचल सरकार और बिजली बोर्ड के बीच दूसरा अनुबंध हुआ है। इन चारों प्रोजेक्ट में फोरेस्ट क्लीयरेंस स्टेज-दो में है, जबकि निजी भूमि अधिग्रहण मामले में सरकार ने कमेटी का गठन कर दिया है और इन प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने की भी तैयारी चल रही है। ऐसे में बिजली बोर्ड को अचानक इन सभी प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिया है। बताया जा रहा है कि बोर्ड के बिजली उत्पादन के क्षेत्र के उतरने के बाद बड़े आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन अब इस फैसले के बाद बोर्ड की आर्थिक हालत में सुधार होगा।

बिजली बोर्ड की नई दरें लागू न करने का सुझाव

विशेष संवाददाता — शिमला

विद्युत नियामक आयोग के पास बिजली बोर्ड की नई दरों को लागू न करने का प्रस्ताव आया है। मंगलवार को जनसुवाई के दौरान कारोबारियों और उपभोक्ताओं ने संयुक्त रूप से दरें न बढ़ाने की बात कही। विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों पर जनसुवाई पूरी कर ली है। गौरतलब है कि बिजली बोर्ड ने विद्युत नियामक आयोग के समक्ष 90 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोत्तरी करने का प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव पर जनसुवाई के बाद विद्युत नियामक आयोग को फैसला करना है। यह फैसला 31 मार्च से पहले पूरा किया जाएगा और बिजली बोर्ड की बढ़ी हुई दरें अप्रैल महीने से लागू हो जाएंगी। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि बिजली बोर्ड के 90 पैसे के प्रस्ताव पर विद्युत नियामक आयोग कितनी मंजूरी देता है। गौरतलब है कि बिजली बोर्ड के प्रस्ताव को मंजूर किया जाता है तो इसका असर 125 यूनिट से अधिक बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। बिजली बोर्ड की सचिव छवि नांटा ने बताया कि बिजली की दरों को लेकर मंगलवार को जनसुनवाई हुई है। उपभोक्ताओं की तरफ से जो सुझाव आए हैं उन्हें लिखित में रखा गया है। इन जनसुनवाई के आधार पर ही फैसला होगा।


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