Himachal News: बिना शिक्षक कौन पढ़ाएगा संस्कृत, इस संघ ने निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के समक्ष रखी बात
कार्यालय संवाददाता- मंडी
प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में तीसरी, चौथी व पांचवीं कक्षा से संस्कृत विषय शुरू तो किया जा रहा है, लेकिन संस्कृत को पढ़ाने के लिए विशेषज्ञ शिक्षकों का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। ऐसे में बिना संस्कृत शिक्षकों के नौनिहालों को विषय का ज्ञान देना जेबीटी शिक्षकों के लिए संभव नहीं है। प्रदेश राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने प्रदेश सरकार व प्रारंभिक शिक्षा के उच्चाधिकारियों से पुरजोर मांग उठाते हुए कहा है कि जब तक स्कूलों में संस्कृत विषय को पढ़ाने के लिए विशेषज्ञ शिक्षकों की तैनाती नहीं की जाती तब तक संस्कृत विषय को शामिल न किया जाए। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल प्रदेशाध्यक्ष जगदीश शर्मा की अगवाई में निदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग से मिला और उनके समक्ष संस्कृत विषय को शुरू करने से पहले विशेषज्ञ शिक्षकों की तैनाती करने की मांग रखी। संघ ने जेबीटी से टीजीटी मेडिकल व नॉन मेडिकल की आगामी समय में होने वाली डीपीसी में मार्च 2018 की जगह 31 मई 2018 तक के शिक्षक शामिल किए जाने की मांग रखी क्योंकि वर्ष 2018 में अनुबंध से नियमितीकरण मई माह में हुआ था।
इसके अलावा प्रदेश में दस से कम संख्या वाले प्राथमिक स्कूलों को बंद करने से पहले नई एनरोलमेंट व प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने का आग्रह किया क्योंकि प्रदेश के अनेक स्कूल ऐसे जहां बीते सत्र में एनरोलमेंट कम थी, लेकिन नए सत्र में एनरोलमेंट में बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि शीतकालीन स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया जारी है जबकि ग्रीष्मकालीन छुट्टियों वाले स्कूलों में अभी दाखिला प्रक्रिया आगामी अप्रैल महीने शुरू होनी है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश शर्मा ने कहा कि पूर्व में भी इस तरह कि प्रक्रिया हुई थी, उसके बाद केवल वहीं स्कूल रहे हैं जो आरटीई के अनुसार जरूरी हैं व जहां की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि छोटे बच्चों का आना-जाना संभव नहीं है। इस दौरान संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण शर्मा व शिमला जिला के अध्यक्ष प्रबोध चौहान मौजूद रहे।
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