UCC पर इसलिए मचा है बवाल; कानून लागू होने के बाद किस पर क्या होगा असर, जानिए डिटेल…

By: Jun 30th, 2023 1:18 pm

नई दिल्ली। जबसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता कानून लागू करने की बात कही है, तब से कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों में कोहराम मचा हुआ है। पिछले दिनों भोपाल की जनसभा में प्रधानमंत्री ने एक देश एक कानून लाने की बात कही थी। यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविलि कोड। इसका मतलब यह है भारत देश में कोई भी नागरिक, चाहे वह किसी भी समुदाय का हो, सभी पर एक जैसा कानून लागू होगा। इस मुद्दे पर देश भर में बहस छिड़ चुकी है।

टीवी चैनल्स पर भी इसी मसले पर डिवेट हो रही है। कुछ लोग इस कानून को धर्म से जोडक़र देख रहे हैं। हालांकि विधि आयोग ने 15 जुलाई तक यूसीसी पर धार्मिक संगठनों और देश के नागरिकों से राय मांगी है, लेकिन देश में इस वक्त राय देने से पहले ही समान नागरिक संहिता पर बड़ी बहस हो रही है। बहस इसलिए कि जो समुदाय विशेष हैं, उनके पर्सनल कानूनों का क्या होगा, जो उन्होंने अपने निजी स्वार्थों के लिए बनाए हैं।

क्या है अनुच्छेद 44
अर्टिकल 44 संविधान के भाग चार में वर्णित राज्य के नीति निदेशक तत्त्वों में से एक है। अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि राज्य अपने नागरिकों के लिए समस्त भारत में एक समान नागरिक संहिता प्रदान करने का प्रयास करेगा। अनुच्छेद का उद्देश्य कमजोर लोगों के खिलाफ भेदभाव को दूर करना और देश भर में विविध सांस्कृतिक समूहों में सामंजस्य स्थापित करना है। समान नागरिक संहिता पूरे देश के लिए एक समान कानून के साथ ही सभी धार्मिक समुदायों के लिए विवाह, तलाक, संपत्ति, बच्चा गोद लेने आदि कानूनों में भी एकरूपता प्रदान करने का प्रावधान करती है।
कानून लागू होने के बाद क्या होगा

  • देशभर में अगर समान नागरिक संहिता कानून लागू हो जाता है, तो इससे विभिन्न धर्मों के, जिनके अपने नियम कानून हैं, वे खत्म हो जाएंगे। मसलन हिमाचल के कुल्लू जिला का मलाणा गांव अपनी पुराने नियमों और कानूनों के विश्व विख्यात है। यूसीसी लागू होता है, तो उनके नियम-कानून खत्म हो जाएंगे।
  • देश के कई क्षेत्रों में आदिवासी रहते हैं और उनका समाज अपनी परंपराओं और नियमों के हिसाब से चलता है, अगर यूसीसी लागू हो जाता है, तो यह नियम खत्म हो जाएंगे और सिर्फ एक ही कानून होगा। फिर महिलाओं को भी संपत्ति का अधिकार मिलेगा। उदाहरण के लिए अगर गैर आदिवासी युवक आदिवासी महिला से विवाह करता है, तो उसकी आने वाली संतान अगर लडक़ी होती है, तो उसे संपत्ति का अधिकार मिल जाएगा।
  • मुस्लिम समाज पर इसका यह प्रभाव होगा कि वहां बहुविवाह जैसी प्रथाएं खत्म हो जाएंगी। साथ ही विवाह की न्यूनतम आयुसीमा भी बदल जाएगी।
  • सिख समाज में आनंद विवाह अधिनियम समाप्त हो जाएगा।
  • अगर यूसीसी लागू होता है, तो पारसी समाज में कई प्रथाएं खत्म हो जाएंगी। उदाहरण के लिए पारसी महिला अगर दूसरे धर्म में शादी करती है, तो वह पारसी रीति-रिवाजों और प्रथाओं के अधिकार खो देती हैं, लेकिन यूसीसी लागू होने के बाद ऐसा नहीं होगा।
  • ईसाई धर्म में मान्यता है कि अगर पति-पत्नी तलाक लेने चाहते हैं, तो उन्हें तलाक के लिए आवेदन से पहले दो साल तक अलग रहना अनिवार्य है, यूसीसी लागू होने के बाद यह सब खत्म हो जाएगा।


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