डिजिटल कौशल से बढ़े रोजगार के मौके

By: Nov 6th, 2023 12:07 am

रोजगार की बदलती हुई डिजिटल दुनिया में भारत पूरी तरह से लाभ की स्थिति में है। ऐसे में नई पीढ़ी को अच्छी अंग्रेजी, कम्प्यूटर-आईटी दक्षता, कोडिंग स्किल्स, कम्युनिकेशन स्किल्स, जनसंचार, वेब डिजाइन, कौशल बाजार अनुसंधान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोमेशन, क्लाउड कम्प्यूटिंग, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों से भी सुसज्जित किया जाना होगा। अब देश में स्किल इंडिया डिजिटल से कौशल, शिक्षा और उद्यमशीलता के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का पूरा लाभ लेते हुए नई पीढ़ी के लिए अधिक से अधिक रोजगार अवसर निर्मित किए जाने होंगे…

इन दिनों देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और रोजगार से संबंधित विषयों पर प्रकाशित हो रही विभिन्न रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि देश में अर्थव्यवस्था के बढऩे, डिजिटल विकास तथा गिग अर्थव्यवस्था के कारण ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर कम हो रही है और रोजगार के नए मौके बढ़ रहे हैं। हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के द्वारा प्रकाशित ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष 2023 में ग्रामीण और शहरी दोनों ही जगहों पर बेरोजगारी दरों में कमी आई है। संगठित क्षेत्रों में भी वर्ष 2020 के सितंबर माह के बाद रोजगार की सबसे अच्छी स्थिति दिख रही है। रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू मांग में लगातार मजबूती की बदौलत पिछले 10 महीनों से रोजगार का पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) 50 से ऊपर चल रहा है। इस इंडेक्स के 50 से ऊपर रहने का मतलब है कि रोजगार में सकारात्मक बढ़ोतरी हो रही है। अर्थव्यवस्थाओं के रोजगार संकेतकों के मुताबिक आने वाले महीनों में रोजगार में बढ़ोतरी जारी रहने की उम्मीद की जा रही है।

निश्चित रूप से कौशल और डिजिटल स्किल्स पर आधारित नए दौर के रोजगार के मौके छलांगे लगाकर बढ़ रहे हैं। 12 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कौशल विकास मंत्रालय के द्वारा नई दिल्ली में आयोजित कौशल दीक्षा समारोह को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि पिछले एक दशक में सरकार ने कौशल विकास व डिजिटल स्किल्स विकास में सबसे अधिक निवेश करके रोजगार निर्माण को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। यही कारण है कि देश में बेरोजगारी पिछले छह वर्षों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बेरोजगारी तेजी से कम हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तेजी से बढ़ती भारत की अर्थव्यवस्था में युवाओं के लिए रोजगार की नई संभावनाएं पैदा हो रही हैं।

अब भारत के द्वारा कुशल मानव शक्ति का पावर सेंटर बनने के जो प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं, उनसे निर्मित नए दौर के रोजगार के अधिक मौकों से नई पीढ़ी लाभान्वित होगी। हाल ही में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले छह वर्षों में बेरोजगारी दर छह फीसदी से घटकर 3.2 फीसदी पर आ गई है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बेरोजगारी दर में बड़ी कमी आई है। निश्चित रूप से जहां ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर घटाने में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की अहम भूमिका है, वहीं शहरी बेरोजगारी घटाने में कौशल विकास और डिजिटल स्किल्स की अहम भूमिका दिखाई दे रही है। उल्लेखनीय है कि देश में शहरी बेरोजगारी दर चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 6.6 प्रतिशत रह गई है, जबकि कोविड के दौरान वित्त वर्ष 2021-22 की अप्रैल-जून तिमाही में शहरी बेरोजगारी दर 12.6 प्रतिशत दर्ज की गई थी, उसके बाद से शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर लगातार कम हो रही है। यदि हम कोरोनाकाल के बाद शहरी रोजगार बढऩे के परिदृश्य को देखें तो पाते हैं कि जहां एक ओर शहरी क्षेत्रों में गिग इकोनॉमी में रोजगार छलांगे लगाकर आगे बढ़ा है, वहीं कौशल और डिजिटल विकास की योजनाओं से युवाओं को सुसज्जित करके रोजगार के मौके बढ़ाए गए हैं। गिग इकोनॉमी का मतलब है अनुबंध आधारित या अस्थायी रोजगार (गिग वर्क) वाली अर्थव्यवस्था।

गिग अर्थव्यवस्था के तहत गिग वर्कर प्रोजेक्ट दर प्रोजेक्ट आधार पर काम करते हैं या सेवाएं देते हैं और वे यह चुनने के लिए स्वतंत्र होते हैं कि वे कब, कहां और कितना काम करेंगे। व्यापक तौर पर डिजिटलीकरण के प्रसार ने गिग अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। वस्तुत: गिग अर्थव्यवस्था डिजिटल प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन मार्केटप्लेस से संचालित होती है जो गिग वर्कर्स को खास तरह की सेवाओं की तलाश करने वाले कस्टमर्स से जोड़ती है। ये प्लेटफॉर्म बायर्स और सेलर्स के बीच ट्रांजैक्शन को सुविधाजनक बनाते हैं। जहां देश के शहरी क्षेत्रों में गिग अर्थव्यवस्था के तहत रोजगार के मौके तेजी से बढ़ रहे हैं, वहीं देश में कौशल और डिजिटल विकास से संबंधित सरकारी योजनाओं से शिक्षित-प्रशिक्षित युवाओं के लिए शहरों में अच्छे करियर के मौके बढ़े रहे हैं। चूंकि बड़ी संख्या में देश और दुनिया की कारोबार गतिविधियां अब ऑनलाइन हो गई हैं और वर्क फ्रॉम होम (डब्ल्यूएफएच) करने की प्रवृत्ति को व्यापक तौर पर मिली स्वीकार्यता से आउटसोर्सिंग को बढ़ावा मिला है। भारत के आईटी सेक्टर के द्वारा गुणवत्तापूर्ण सेवाओं से वैश्विक उद्योग-कारोबार इकाइयों का भारत की आईटी कंपनियों पर भरोसा बढ़ा है। इन दिनों प्रकाशित हो रही वैश्विक रोजगार रिपोर्टों में भारत की कौशल प्रशिक्षण नई पीढ़ी के लिए रोजगार के मौके बढऩे की टिप्पणियां की जा रही हैं। विश्व प्रसिद्ध मैकिंजी ग्लोबल इंस्टीट्यूट के द्वारा वैश्विक रोजगार रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था में वर्ष 2025 तक ऑटोमेशन, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के चलते करीब छह से साढ़े छह करोड़ रोजगार अवसर पैदा हो सकते हैं, वहीं इसकी वजह से करीब चार से साढ़े चार करोड़ परंपरागत नौकरियां समाप्त हो सकती हैं। ऐसे में 2025 तक डिजिटलीकरण से करीब 2 करोड़ से अधिक नई नौकरियां निर्मित होते हुए दिखाई देंगी। इसमें कई ऐसी डिजिटल नौकरियां होंगी जिनके नाम तक हमने नहीं सुने हैं।

निश्चित रूप से भारत की डिजिटल स्किल्ड नई पीढ़ी के लिए अच्छे रोजगार के मौके देश के साथ-साथ दुनिया के विभिन्न देशों- अमेरिका, जापान, ब्रिटेन और जर्मनी आदि में औद्योगिक और कारोबार आवश्यकताओं में तकनीक और नवाचार के इस्तेमाल के कारण बढ़ते जा रहे है। इन क्षेत्रों में प्रमुख रूप से आईटी, हेल्थकेयर, नर्सिंग, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, फूड प्रोसेसिंग, जहाज निर्माण, विमानन, कृषिए अनुसंधान, विकास, सेवा व वित्त आदि हैं। रोजगार की बदलती हुई डिजिटल दुनिया में भारत पूरी तरह से लाभ की स्थिति में है। ऐसे में नई पीढ़ी को अच्छी अंग्रेजी, कम्प्यूटर-आईटी दक्षता, कोडिंग स्किल्स, कम्युनिकेशन स्किल्स, जनसंचार, वेब डिजाइन, कौशल बाजार अनुसंधान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोमेशन, क्लाउड कम्प्यूटिंग, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों से भी सुसज्जित किया जाना होगा। अब देश में स्किल इंडिया डिजिटल से कौशल, शिक्षा और उद्यमशीलता के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का पूरा लाभ लेते हुए नई पीढ़ी के लिए अधिक से अधिक रोजगार अवसर निर्मित किए जाने होंगे। साथ ही देश में इस वर्ष 2023-24 से शुरू प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 के माध्यम से देश के युवाओं को निर्धारित किए गए तकनीक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कौशल और प्रशिक्षण से सुसज्जित करके रोजगार की डगर पर आगे बढ़ाना होगा।

डा. जयंती लाल भंडारी
विख्यात अर्थशास्त्री


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App