ठगनी वीरों के लिए खुला आमंत्रण

By: Nov 1st, 2023 12:05 am

अशोक गौतम

ashokgautam001@Ugmail.com

अपने अपने स्तर के ठग छवि वाले सुडौल, भ्रष्ट माननीय, सम्मानीय सज्जनों को सूचित करते हुए मत पूछो कितनी प्रसन्नता हो रही है कि हमारी पार्टी आगामी चुनाव के मद्देनजर अपनी पार्टी में आकर्षक ठग छवि वाले सज्जनों का करंट लॉग शीघ्र भरने जा रही है। हे हमारे समाज के गणमान्य ठग छवि वालो! कोई जाने या न, पर हम यह अच्छी तरह जानते हैं कि अपने देश में किसी भी तरह के चुनाव में मतदाताओं की जरूरत हो या न, इवीएम की जरूरत हो या न, चुनाव कराने वाले कर्मचारियों की जरूरत हो या न, पर ठग छवि वाले मनमोहकों की सख्त जरूरत होती है। ठग छवि वाले सज्जनों के हाथों में ही संविधान सुरक्षित है। वे संविधान की क्या रक्षा करेंगे जो अपने आप को ही दिन के बारह बजे भी सुरक्षित महसूस नहीं करते। आपके बिना लोकतंत्र बिल्कुल नहीं चल सकता। आपके सहयोग के बिना कोई भी चुनाव निष्पक्ष ढंग से संपन्न नहीं हो सकता। कोई भी पार्टी ठग वीरों के बिना कहीं से भी चुनाव जीतना दूर, लड़ भी नहीं सकती। ठग छवि रहित चेहरा अपने विरुद्ध अपना ही चुनाव जीत कर बताए तो मानूं। जिस तरह कोई भी परिवार अपने किसी ठग छवि वाले सदस्य के बिना मुहल्ले में शांति से नहीं रह सकता, उसी तरह कोई भी राजनीतिक पार्टी ठग छवि वालों के बिना दूसरे दल के सामने तो छोडि़ए, उसकी पीठ के पीछे तक पल भर भी नहीं टिक सकती। असल में हम आप जैसे सुप्रतिष्ठित माननीयों, सम्माननीयों के पद इसलिए भी भर रहे हैं कि उनकी पार्टी में हमारी पार्टी से अधिक ठग छवि के देशभक्त हैं।

इसलिए न चाहते हुए भी अपने समय की राजनीति की नब्ज को पहचानते हुए अपनी पार्टी का सौ के आसपास ठगीकरण करना हमारी विवशता है। हम नहीं चाहते हमारी पार्टी ठग छवि वालों को लेकर इनसे उनसे एक कदम भी पीछे रहे। हम नहीं चाहते आपकी कमी के बिना हम जीता जिताया चुनाव हार जाएं। भगवान भी जानते हैं कि आपका योगदान चुनाव लडऩे तक ही सीमित नहीं होता, आपकी भूमिका उसके बाद भी अहम होती है। अबके जीत से लेकर सरकार बनाए बचाए रखने तक हम कोई जोखिम नहीं लेना चाहते। बरसों से विपक्ष में बैठे बैठे अब थक चुके हैं। सरकार बना कुर्सी पर इतराने मस्तियाने को अब हमारा दिमाग भी मचल रहा है। अत: हमने तय किया है कि जो उनकी पार्टी में ठग छवि वाले पचास प्रतिशत हैं तो हम अपनी पार्टी में ठगनी छवि वाले माननीय नब्बे प्रतिशत से अधिक करके रहेंगे। हे हमारे ठगनी वीरो! ! यह खुल्लमखुल्ला सच है कि लोकतंत्र को मजबूत करने में जितना योगदान आपका रहा है उतना किसी और का नहीं। शरीफ आदमी लोकतंत्र को क्या खाक बचाएगा? वह तो अपने तक को नहीं बचा पाता। हर रोज कोई न कोई शिकायत लिए पुलिस स्टेशन में जा वहां से धकियाया जाता है। सच पूछो तो शरीफों को क्या राजनीति से काम! उन शरीफों को जिनको घर की देहरी से बाहर तो छोडि़ए, उनके घर तक में कोई नहीं पूछता तो भला राजनीतिक पार्टी में उनको कौन पूछेगा क्यों पूछेगा? लोकतंत्र में चुनाव शरीफों के दम पर नहीं, आप जैसे साहसियों के दम पर ही प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष जीता जाता रहा है।

जिस पार्टी में आप जैसे नहीं होते वह पार्टी पचासियों देशभक्तों की पार्टी होने के बाद भी चुनाव में औंधे मुंह जा गिरती है। कोई भी पार्टी शरीफों से नहीं चलना तो दूर, रेंगा तक नहीं करती। शरीफ आज की दाव पेंच वाली दुनिया में जो खुद ही चल लें तो गनीमत समझें। जिस पार्टी में शरीफ और ईमानदार होते हैं, वह पार्टी चौथे दिन रेत की मु_ी की तरह बिखर जाया करती है। पार्टी को एकजुट बांधकर कोई रखते हैं तो बस आप जैसे जुझारू ही। हे लोकप्रिय ठग छवि वालो। कोई माने या न, पर यह सोलह आन्ने सच है कि लोकतंत्र के विकास में आपका योगदान अतुलनीय है। आप जैसे समाज सेवक जेल के भीतर से भी देश चलाने की महारत रखते हैं। आपने अपने अपराधों और राजनीति का कॉकटेल लोकतंत्र को पिला लोकतंत्र की जड़ें मजबूत की हैं। जनता आपकी अतुलनीय सामाजिक सेवाओं को चाहकर भी नहीं भुला सकती। और लोकतंत्र तो आपका ऋणी था, आपका ऋणी है, और सदैव ऋणी रहेगा।


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