शरद ऋतु में ब्रेन स्ट्रॉक का खतरा

By: Nov 4th, 2023 12:15 am

जब ब्रेन को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है, तो दिमाग के सैल्स मरने लगते हैं। ऐसे में शरीर की गतिविधियां प्रभावित होने लगती हैं। जिसे इंट्राक्रानियल हेमरेज या सेरेब्रल हेमरेज कहा जाता है। ऐसे में अगर तीन से चार मिनट से अधिक समय तक ऑक्सीजन की कमी हो जाए, तो इससे दिमाग की नसें बुरी तरह से प्रभावित होती हैं…

ब्रेन स्ट्रॉक आपके शरीर को कई तरह से प्रभावित कर सकता है। इसे एक तरह से आप लकवा भी कह सकते हैं। यह समस्या 50 साल से अधिक उम्र वाले लोगों में देखने को मिलती है। लेकिन बीते कुछ सालों में 30 से 35 साल से कम उम्र वाले लोगों में भी यह दिक्कत देखने को मिल रही है। सर्दियों में ब्रेन स्ट्रॉक का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। आइए जानें इसके पीछे का कारण। मेडिकल टर्म में इसे इंट्राक्रानियल हेमरेज के नाम से जाना जाता है। ब्रेन हेमरेज को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर यह कैसे होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

दिमाग की नस फटने का कारण

ब्रेन हेमरेज के कई कारण हो सकते हैं। जैसे कार दुर्घटना, सिर पर किसी तरह की चोट लगने से ब्रेन हेमरेज हो सकता है। हाई बीपी की वजह से भी दिमाग की नसों को जो ब्लड वेसेल्स की दीवारों को नुकसान पहुंचा सकता है और ब्लड वेसेल्स की ब्लीडिंग या फटने का कारण बन सकती है। ब्रेन में होने वाली ब्लड क्लॉटिंग की वजह से भी ब्रेन हेमरेज का कारण बन सकती है। धमनियों में फैट जमा होने या एथेरोस्क्लेरोसिस की वजह से भी ब्रेन हेमरेज का खतरा बढ़ता है। टूटा हुआ सेरेब्रल एन्यूरिज्म यानी कि ब्लड वेसेल्स की दीवार में एक कमजोर स्थान जो फूल जाता है और फट जाता है। दिमाग की नसों की दीवारों के अंदर अमाइलॉइड प्रोटीन यानी सेरेब्रल अमाइलॉइड एंजियोपैथी की वजह से भी ब्रेन हेमरेज होता है। ब्रेन ट्यूमर जो दिमाग के टिश्यू पर दबाव डालता है इससे भी ब्लीडिंग हो सकती है और ब्रेन हेमरेज हो जाता है।

ब्रेन हेमरेज कैसे होता है

ब्रेन हेमरेज के कई कारण हो सकते हैं। जब ब्रेन को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है, तो दिमाग के सैल्स मरने लगते हैं। ऐसे में शरीर की गतिविधियां प्रभावित होने लगती हैं। जिसे इंट्राक्रानियल हेमरेज या सेरेब्रल हेमरेज कहा जाता है। ऐसे में अगर तीन से चार मिनट से अधिक समय तक ऑक्सीजन की कमी हो जाए तो इससे दिमाग की नसें बुरी तरह से प्रभावित होती है। ऐसे में शरीर के किसी भाग में लकवा मारना, शरीर का कोई हिस्सा सुन्न होना या कमजोरी होना। खाने-पीने में कठिनाई होना, आंखों की रोशनी पर असर पडऩा। दौरे पडऩा और सिरदर्द होना, इसकी वजह इनसान की मौत भी हो सकती है।

ब्रेन हेमरेज से कैसे बचें

ब्रेन हेमरेज से बचना है तो हमेशा अपना बीपी चैक करवाते रहें। खासकर हाई बीपी के मरीज को तो अकसर अपना बीपी चैक करवाते रहना चाहिए। हाई कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए वजन कंट्रोल में रहना बेहद जरूरी है। ऐसे में शराब कम पिएं साथ ही साथ हेल्दी डाइट लें और रोजाना एक्सरसाइज करें। डायबिटीज है तो शुगर को हमेशा कंट्रोल में रखें। सर्दियों में ब्रेन स्ट्रॉक का खतरा इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि इस मौसम में खून गाढ़ा हो जाता है। खून की पतली नली संकरी हो जाती है। जिसके कारण ब्लड पर प्रेशर पड़ता है।


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