विराट-शमी का फाइनल…

By: Nov 17th, 2023 12:05 am

वाह! क्या सेमीफाइनल मैच था!! विराट कोहली और मुहम्मद शमी के लिए तो यह फाइनल मैच था। विराट ने ऐतिहासिक 50वां एकदिनी शतक लगा कर महान सचिन तेंदुलकर का कीर्तिमान पार किया, तो शमी की सटीक और तूफानी गेंदों ने 57 रन देकर 7 विकेट उखाड़ दिए। अभूतपूर्व, अविश्वसनीय क्रिकेट थी यह! शमी पहले भारतीय और अंतरराष्ट्रीय गेंदबाज हैं, जिन्होंने विश्व कप के सेमीफाइनल में ऐसा सशक्त और विविधतापूर्ण प्रदर्शन किया। शमी ने सभी विश्व कप मैचों में कुल 54 विकेट हासिल कर नया कीर्तिमान रचा है। अब भविष्य की कहानियां उन्हीं से शुरू होंगी और क्रिकेट की पीढिय़ां उनकी गेंदबाजी का अध्ययन करेंगी। शमी पहले भारतीय गेंदबाज हैं, जिन्होंने न्यूजीलैंड के बोल्ट और ऑस्टे्रलिया के स्टार्क सरीखे गेंदबाजों के रिकॉर्ड पुराने कर दिए हैं। और नए मील-पत्थर अपने और भारत के नाम दर्ज कराए हैं। शमी ने विश्व कप मैचों में कुल 8 बार 4 या उससे अधिक विकेट उखाड़े हैं और मौजूदा टूर्नामेंट में 4 बार 5 या उससे अधिक विकेट हासिल किए हैं। ये सभी कीर्तिमानी प्रदर्शन हैं, जो विश्व कप के ‘सर्वश्रेष्ठ प्लेयर’ की जमात में उन्हें शामिल कर रहे हैं। शमी अभी तक सर्वाधिक 23 विकेट ले चुके हैं और औपचारिक फाइनल मैच अभी शेष है। ईमानदारी और आत्मा से विश्लेषण करें, तो सेमीफाइनल मैच शमी की गेंदबाजी ने ही जिताया है। बेशक विराट के 117 रन, श्रेयस अय्यर के ताबड़तोड़ 105 रन और कप्तान रोहित शर्मा की छक्केदार बल्लेबाजी के साथ शुभमन गिल के नाबाद 80 रनों की बदौलत ही टीम इंडिया 397 रनों का ‘हिमालय’ खड़ा करने में सफल रही, लेकिन शमी एक के बाद एक विकेट नहीं उखाड़ते, तो न्यूजीलैंड वह लक्ष्य भी पार कर सकता था।

जब तक मिचेल और विलियम्सन मैदान पर थे, तब तक रनों की मूसलाधार बारिश हो रही थी, जिसे फिलिप्स ने और भयंकर बना दिया था। शमी ने उनकी निरंतरता को बार-बार तोड़ा, नतीजतन टीम इंडिया 70 रनों से जीत कर चौथी बार फाइनल में पहुंची है। बेशक बुमराह, कुलदीप यादव, सिराज ने 1-1 विकेट हासिल किए, लेकिन जडेजा इस बार खाली हाथ ही रहे। न्यूजीलैंड के बल्लेबाज बेहद आक्रामक क्रिकेट खेल रहे थे। बहरहाल विश्व कप के सेमीफाइनल में 397 रनों की पारी का ‘सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन’ भी भारत के हिस्से दर्ज किया गया। इससे पहले ऑस्टे्रलिया ने 2015 के सेमीफाइनल में 338 रनों का सबसे बड़ा स्कोर बनाया था। वह कुल पांच बार विश्व चैम्पियन बना है। अब समीकरण और खेल के तेवर बदल चुके हैं। टीम इंडिया ऑस्टे्रलिया को लगातार पराजित करती आई है। बहरहाल यही मैच क्रिकेट के नए ‘विराट’ और ‘करिश्माई गेंदबाज’ शमी के लिए विश्व कप का फाइनल साबित हुआ है। विराट 711 रनों, तीन शतकों समेत, के साथ प्रथम स्थान पर हैं। इस संदर्भ में भी उन्होंने अपने ‘आदर्श’ और ‘खेल की प्रेरणा’ सचिन तेंदुलकर का 2003 के विश्व कप का 673 रनों का रिकॉर्ड तोड़ा है। यदि क्रिकेट की दुनिया में कोई खिलाड़ी सचिन के कीर्तिमानों को छूकर पार जा सकता है, तो वह सिर्फ विराट कोहली ही हैं। कप्तान रोहित शर्मा 31 एकदिनी शतकों के साथ काफी पीछे हैं, लेकिन वह विश्व में तीसरे स्थान पर हैं। दरअसल यह टीम इंडिया का ‘स्वर्ण-काल’ है। यह पूरी तरह ताकतवर, संगठित, हुनरमंद, कसी हुई और सर्वश्रेष्ठ फॉर्म वाली टीम है। भारत ने ऐसे तेज गेंदबाजों की कभी कल्पना ही नहीं की थी।


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