शिमला के प्रसिद्ध मंदिर

By: Jan 6th, 2024 12:20 am

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला एक हिल स्टेशन है। यहां पूरे वर्ष पर्यटकों का तांता लगा रहता है। अपनी छुट्टियां बिताने लोग यहां आते हैं। यहां पर कई टूरिस्ट स्पॉट हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं शिमला शहर में कई प्रसिद्ध मंदिर भी हैं। दरअसल हिमाचल को देवभूमि कहा जाता है और यही कारण है कि यहां पर जगह-जगह मंदिर बने हुए हैं। यहां पर भगवान हनुमान, शिव, काली देवी और सूर्य मंदिर स्थित है। जाखू मंदिर हनुमान जी का सबसे प्रसिद्ध मंदिर शिमला में ही है। शिमला शहर का नाम भी श्यामला देवी मंदिर के नाम पर ही पड़ा है। जानते हैं कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के विषय में।

जाखू मंदिर – शिमला में बना हनुमान जी का यह बहुत प्रसिद्ध मंदिर है। मान्यता है कि जब हनुमानजी लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी लेने गए थे, तब उन्होंने यहां पर ही रुककर विश्राम किया था। तभी से लेकर आज तक यह मंदिर प्रसिद्ध है। यहां पर हनुमानजी की 108 फुट ऊंची प्रतिमा है। जाखू मंदिर धर्मिक पर्यटन के साथ-साथ ट्रैकिंग के लिए भी जाना जाता है।

भीमाकाली मंदिर- यह मंदिर शिमला के सराहन में स्थित है। सराहन शहर को किन्नौर जिला का मुख्य द्वार भी कहा जाता है। इस शहर का प्राचीन इतिहास है, बुशहर शासकों ने यह मंदिर बनवाया था। मंदिर को विशेष अवसरों पर ही खोला जाता है। यहां देवी की मूर्ति को एक कुंवारी लडक़ी के रूप में पूजा जाता है।

कालीबाड़ी मंदिर- काली माता को समर्पित कालीबाड़ी मंदिर बेटनी हिल पर स्थित है। इस मंदिर में काली माता की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और इसलिए यह मंदिर श्यामला के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां पर लोग दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं। शिवरात्रि पर यहां विशेष आयोजन होता है। कहा जाता है कि शिमला का नाम श्यामला देवी के नाम पर ही रखा गया है।

शिव मंदिर- शिमला के माल रोड पर स्थित शिव मंदिर काफी प्राचीन है। इसमें लगे हुए पत्थर और शिल्पकला बहुत साल पुरानी है। कहा जाता है कि इसमें मौजूद शिवलिंग स्वयं धरती से उत्पन्न हुआ था। मंदिर का निर्माण 1882 में किया गया था। शिव भक्त यहां पर रोज दर्शन के लिए आते हैं। शिवरात्रि पर यहां विशेष आयोजन भी होता है।

तारादेवी मंदिर- पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर में देवी तारा की पूजा की जाती है। यह शिमला के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। कहा जाता है कि तारा मंदिर का निर्माण बलवीर सिंह ने करवाया था। इस मंदिर में देवी तारा की लकड़ी की मूर्ति को निर्मित किया गया है। यह शिमला से करीब 12 किमी. दूर है। मंदिर का निर्माण ढाई सौ वर्ष पुराना है।

संकटमोचन मंदिर- तारादेवी मंदिर के पास ही संकटमोचन मंदिर भी है। इस मंदिर का निर्माण 1962 में हुआ था। यहां पर राम-सीता, लक्ष्मण और भगवान शिव की मूर्तियां भी हैं। मंगलवार के दिन यहां पर विशेष पूजा का आयोजन होता है।

सूर्य मंदिर नीरथ- उत्तर भारत का एकमात्र सूर्य मंदिर रामपुर के नीरथ गांव में बना हुआ है। यह मंदिर लकड़ी से बनाया गया है। यह मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है और मंदिर के गर्भगृह में पाषाण सूर्य मूर्ति 3 फुट ऊंची और 4 फुट चौड़ी है। इस मूर्ति में भगवान सूर्य को सप्त अश्वों पर सवार दिखाया गया है। मंदिर प्रांगण में बहुत सारे शिवलिंग भी स्थापित किए गए हैं।


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