इन कर्मियों को फरवरी में OPS; बोर्ड के ज्वाइंट फ्रंट से मुलाकात के दौरान CM ने दी सैद्धांतिक मंजूरी

By: Jan 19th, 2024 12:01 am

विशेष संवाददाता — शिमला

बिजली बोर्ड मेें फरवरी महीने से ओल्ड पेंशन लागू हो सकती है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसके लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। गुरुवार को बिजली बोर्ड ज्वाइंट फ्रंट की मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद यह आश्वासन मिला है। इसके साथ ही बिजली बोर्ड में कार्यवाहक प्रबंध निदेशक को हटाकर नियमित प्रबंध निदेशक की तैनाती पर भी मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव भरत खेड़ा को जल्द कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही बिजली बोर्ड कर्मचारियों की एक बैठक भी आगामी दिनों में प्रधान सचिव से होगी और इसमें ओल्ड पेंशन पर अलग से तैयारी की जाएगी। गुरुवार को करीब 30 मिनट तक मुख्यमंत्री ने बिजली बोर्ड कर्मचारियों का दर्द सुना। मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान जो तथ्य सामने आए हैं, उनमें बिजली बोर्ड में ज्यादातर कर्मचारियों के 30 साल तक की आयु के होने की बात कही है। साथ ही बिजली बोर्ड ने साफ किया है कि 2040 तक 2013 कर्मचारी बिजली बोर्ड से रिटायर हो जाएंगे। बिजली बोर्ड में ओल्ड पेंशन लागू होने के बाद राज्य सरकार पर इसका अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा।

बिजली बोर्ड कर्मचारियों के शेयर से भी 240 करोड़ रुपए का राजस्व राज्य सरकार के पास जमा रहेगा। बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने कहा कि स्थायी प्रबंध निदेशक न होने का नुकसान बिजली बोर्ड को झेलना पड़ रहा है। ऐेसे में राज्य सरकार को स्थायी एमडी पर भी फैसला लेना होगा। इस चर्चा के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिजली बोर्ड कर्मचारियों को फरवरी महीने में ओल्ड पेंशन बहाल करने की बात कही। साथ ही स्थायी एमडी पर भी जल्द कदम उठाने का आश्वासन दिया है। बिजली बोर्ड यूनियन के महासचिव हीरा लाल वर्मा ने बताया कि ज्वाइंट फ्रंट ने दो मामलों को ही मुख्यमंत्री के साथ चर्चा में रखा है। इसमें पहला मामला ओल्ड पेंशन बहाली का था, जबकि दूसरा प्रबंध निदेशक की स्थायी तैनाती की मांग की गई। मुख्यमंत्री ने दोनों मांगों पर गहन मंथन के बाद जल्द ही निर्णय लेने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इस आश्वासन के बाद बिजली बोर्ड कर्मचारी अब आगामी दिनों में प्रधान सचिव भरत खेड़ा से मुलाकात करेंगे।

125 यूनिट मुफ्त बिजली नहीं लेंगे बोर्ड कर्मचारी

बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने एक बार फिर 125 यूनिट मुफ्त बिजली न लेने की बात कही है। बोर्ड कर्मचारी यूनियन के महासचिव हीरा लाल वर्मा ने बताया कि बिजली बोर्ड में आर्थिक संकट की बड़ी वजह सबसिडी है। बिजली बोर्ड कर्मचारी सक्षम हैं और पूरी यूनियन ने एकमत से मुफ्त बिजली न लेने का फैसला किया है। सीएम को भी अपने इस फैसले से अवगत करवा दिया गया है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App