एजीसी का एसआईटी न्यूजीलैंड के साथ पांच साल के लिए एमओयू

By: Feb 6th, 2024 8:40 pm

निजी संवाददाता— अमृतसर

अकादमिक सहयोग को आगे बढ़ाने और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में अमृतसर ग्रुप ऑफ कॉलेजेज (एजीसी) ने दक्षिणी प्रौद्योगिकी संस्थान (एसआईटी) इन्वरकार्गिल कैंपस, न्यूजीलैंड के साथ पांच साल के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। डा. गौरव तेजपाल प्रिंसीपल एजीसी और डा. टेरी मैक्लेलैंड अंतरराष्ट्रीय डायरेक्टर और संकाय प्रमुख एसआईटी ने गतिविधियों को पूरा करने के जिन प्राथमिक उद्देश्यों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, वो शैक्षणिक सहयोग, छात्र विनिमय कार्यक्रम, संयुक्त अनुसंधान पहल हैं। दोनों संस्थानों के विशिष्ट गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सयानी भौमिक, अंतरराष्ट्रीय डायरेक्टर एसआईटी डा. नरिंद्र शर्मा, डीन अनुसंधान एवं विकास, एजीसी और विनोद शर्मा निदेशक कीवी स्टडीज प्राइवेट लिमिटेड की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। डा. गौरव तेजपाल प्रिंसीपल एजीसी ने टिप्पणी की है कि यह साझेदारी हमारे छात्रों को विदेशी शैक्षणिक अवसरों में वृद्धि के साथ सशक्त बनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण छलांग का संकेत देती है।

डा. रजनीश अरोड़ा एजीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि अकादमिक उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है और न्यूजीलैंड में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक छात्रों को विदेशों में औद्योगिक और संस्थागत प्रशिक्षण में भाग लेने का अवसर मिलेगा। इस अवसर पर डा. गौरव तेजपाल प्रिंसीपल एजीसी, डा. टेरी मैक्लेलैंड अंतरराष्ट्रीय निदेशक एसआईटी, सयानी भौमिक अंतरराष्ट्रीय प्रबंधक एसआईटी, डा. नरिंद्र शर्मा डीन एजीसी और विनोद शर्मा निदेशक कीवी स्टडीज प्राइवेट लिमिटेड आदि मौजूद रहे।

पतंजलि की मेलानोग्रिट दवा सफेद दाग की समस्या में कारगर

निजी संवाददाता— चंडीगढ़

पतंजलि योगपीठ से आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आयुर्वेद में त्वचा के सफेद दाग के लिए पहली बार इतना गहन अनुसंधान हुआ है। इसका श्रेय पतंजलि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों को जाता है। इस अध्ययन में मेलानोग्रिट की चिकित्सकीय क्षमता का आकलन किया गया और पाया कि मेलानोग्रिट त्वचा में सफेद दागों के फैलाव को बेअसर करता है। साथ ही कोशिकाएं, जो त्वचा में मेलेनिन का उत्पादन करती हैं, उनमें मेलेनिन की सतत वृद्धि करता है। विज्ञान की भाषा में कहे तो मेलानोग्रिट, मेलानोजेनेसिस प्रक्रिया के निर्णायक जीन ट्रांसक्रिप्शनल रूप से वृद्धि करता है। इन निष्कर्षों से यह पता चला है कि मेलानोग्रिट को कम कर के प्रोटीन स्तर को भी बढ़ाता है। आचार्य बालकृष्ण ने यह भी कहा कि जिस रोग का सही उपचार दुनिया की दूसरी चिकित्सा पद्धतियों में असंभव है, वह आयुर्वेद में संभव है। जहां पतंजलि पहले से ही श्वेत कुष्ठ रोग से पीडि़त हजारों रोगियों की चिकित्सा सालों से करता आ रहा है। यह पतंजलि के वैज्ञानिकों के पुरुषार्थ और आयुर्वेद के प्रति निरंतर अनुसंधान का परिणाम है कि आज आयुर्वेद का डंका पूरे विश्व में बज रहा है और जो रोग असाध्य माने जाते थे, उन रोगों का समाधान आज पतंजलि में समग्र रूप से कर पा रहे हैं।

डालर बांड से 500 मिलियन डालर जुटाने पर विचार कर रहा अडाणी ग्रुप

दिव्य हिमाचल ब्यूरो— नई दिल्ली

भारतीय अरबपति गौतम अडाणी का ग्रुप डालर बांड के जरिए लगभग 500 मिलियन डालर जुटाने पर चर्चा कर रहा है, जो पिछले साल अमरीकी शॉर्ट सेलर हिंडबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद ग्रुप का पहला अंतरराष्ट्रीय निर्गम है। गौर करने वाली बात है कि बीते साल हिंडनबोर्ड रिपोर्ट के बाद कंपनी की ऋण चुकाने की क्षमता को लेकर चिंता पैदा हो गई थी। सौर ऊर्जा कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड एक सौदे के बारे में विदेशी बैंकों से बात कर रही है, जिसमें एक अमरीकी बैंक भी शामिल है। विवरण निजी हैं, और बिक्री, जो इस वर्ष के अंत में होने की उम्मीद है, अभी तक पुष्टि नहीं की गई है और अभी भी बदल सकती है। हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा धोखाधड़ी और स्टॉक हेरफेर का आरोप लगाए जाने के बाद से ग्रुप के वित्त पर कड़ी नजर रखी जा रही है, जिसे अडाणी ने कई बार नकारा है। इस रिपोर्ट के कारण समूह के शेयरों और बांडों में गिरावट आई, जिससे संकेत मिलता है कि भविष्य में पूंजी जुटाने पर ग्रुप को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है। जनवरी, 2023 में आरोपों के सार्वजनिक होने के बाद, अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड और एसीसी लिमिटेड के अधिग्रहण के लिए ऋण रीफाइनेंस की चर्चा रुक गई। हालांकि, अडाणी साल के अंत में 3.5 बिलियन डालर का फंडिंग पैकेज हासिल करने में कामयाब रहे। बीते एक साल में अडाणी ग्रुप ने अपने वित्त में सुधार किया है और नए प्रोजेक्ट हासिल करने में सफलता पाई है।


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