#Budget: स्कूलों की होगी रैंकिंग, पढ़ो हिमाचल अभियान में 500 स्कूलों में बनेंगे रीडिंग रूम

By: Feb 17th, 2024 5:15 pm

दिव्य हिमाचल ब्यूरो—शिमला

शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में घोषणा की है कि प्रत्येक जिले के एसडीएम महीने में एक बार प्राइमरी स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। हर माह रिव्यू मीटिंग भी की जाएगी। अभिभावकों के साथ भी इसी बैठक में संवाद किया जाएगा। इसी बैठक में स्कूल के रख-रखाव के बारे में भी उचित निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिये जाएंगे। प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों की वार्षिक रैकिंग और उनके लिए परफार्मेंस बेस्ड ग्रांट की व्यवस्था की की जाएगी।

इस सारी व्यवस्था को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से विकसित किया जाएगा तथा इसे आम जनता तथा अभिभावकों से भी सांझा किया जाएगा जिसके लिए एक वेबसाइट बनाई जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश में पढऩे-पढ़ाने की संस्कृति के विकास के लिए प्रदेश में वर्ष 2024-25 में पढ़ो हिमाचल के नाम से एक व्यापक जन अभियान प्रारंभ किया जाएगा। इस अभियान में विद्यालयों के साथ-साथ ग्रामीण एवम् शहरी जन समुदाय को भी जोड़ा जाएगा। इसी अभियान के तहत प्रदेश के 500 शिक्षण संस्थानों में सामान्य पाठकों और विषेश रूप से युवाओं के लिए रीडिंग रूम बनाए जाएंगे तथा इन्हीं शिक्षण संस्थानों के पुस्तकालयों के चलाने में आम जन की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाएगा।

प्रत्येक जिला व उपमण्डल मु यालयों तथा पंचायत स्तर पर एक आधुनिकतम सुविधाओं सहित पुस्तकालय तथा वाचनालय बनाया जाएगा। प्रथम चरण में, पंचायत स्तर पर 493 पुस्तकालयों का निर्माण करके इनमें पुस्तकें तथा अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी जिस पर 88 करोड़ रुपये व्यय किये जाएंगे। जिन स्थानों पर छात्रों और छात्राओं के लिए अलग-अलग स्कूल अथवा महाविद्यालय चल रहे हों, स्थानीय निवासियों की मांग पर आवश्यकतानुसार उन दोनों को मिलाकर एक को एजुकेशन शैक्षणिक संस्थान चलाने की षुरूआत की जाएगी। इससे छात्र व छात्राओं के शैक्षणिक विकास के साथ-साथ उनका मनोवैज्ञानिक विकास होगा तथा व्यक्तित्व उभरेगा। इसके साथ ही जिन क्षेत्रों में 3 से 5 किलोमीटर के दायरे में कोई प्राथमिक शिक्षा विद्यालय न हो, वहाँ के बच्चों को नजदीक के स्कूल तक लाने और वापिस घर छोडऩे की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी।

बच्चों को बोतल में मिलेगा स्वच्छ पानी
बच्चों को पीने के लिए साफ पानी मिले इसके लिए प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जाएगा तथा सरकारी स्कूलों के 8 लाख 50 हजार से अधिक बच्चों के लिए स्वच्छ पानी की बोतल उपलब्ध करवाई जाएगी। वहीं प्रदेश में पढ़ाये जा रहे पाठ्यक्रम का संवैधानिक मूल्यों के परिप्रेक्ष्य में पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा। इसके लिए पाँचवी कक्षा से हिमाचल के इतिहास एवम् संस्कृति, भारतीय संविधान, स्वास्थ्य, अन्य सामान्य ज्ञान के विशयों पर अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रम में आर भ किया जाएगा। सभी विद्यालयों में खेलों तथा व्यायाम के लिए प्रतिदिन कम से कम एक पीरियड अनिवार्य किया जाएगा। इसके लिए शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति को प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं 500 बच्चों से अधिक वाले स्कूलों में स्वयं सहायता समूहों को मिड डे मील के तहत भोजन बनाने और परोसने में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार को वित्त पोषण के लिए समग्र शिक्षा अभियान के तहत 1 हजार 52 करोड़ रुपये तथा स्टार के तहत 400 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भिजवाया गया है।

पहले चरण में बनेंगे 5 राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल
पिछली सरकार ने प्रदेष में तीन स्थानों पर अटल आदर्श विद्यालय बनाने प्रार भ किये हैं। राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूलों तथा अटल आदर्श विद्यालयों के लिए कर्मचारियों का एक विषेश संवर्ग बनाया जाएगा तथा इन्हें अन्र्तराष्ट्रीय मानकों पर उत्कृष्ट शिक्षा संस्थानों के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें प्रथम चरण में प्रदेश में पाँच राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूलों लाहडू और नगरोटा बगवां (काँगड़ा), अमलेहड़ और भोरंज (हमीरपुर), तथा संगनाई (ऊना) का निर्माण कार्य शुरू होगा।


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