टोटके का बजट

By: Feb 2nd, 2024 12:05 am

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी चार महीनों के लिए अंतरिम बजट लोकसभा में पेश किया। यह उनका रिकॉर्ड छठा बजट है। अंतरिम बजट में मोदी सरकार की उपलब्धियों का बखान किया गया और अर्थव्यवस्था, विकास की हरी-हरी तस्वीर पेश की गई। मसलन-भारत विश्व-गुरु के तौर पर उभर रहा है। जनता खुश है और सशक्त हुई है। उसमें उम्मीद और आशावाद जागा है। सरकार के 10 सालों में सकारात्मक अर्थव्यवस्था रही है। रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हुई है। सामाजिक समावेश का आर्थिक विकास हुआ है। भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद खत्म हुआ है। भारत 2047 में ‘विकसित राष्ट्र’ होगा। अंतरिम बजट से स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा को आम चुनाव जीतने की कोई चिंता नहीं है, लिहाजा वित्त मंत्री ने दावा किया है कि जुलाई के पूर्ण और आम बजट में विकसित भारत के व्यापक विकास का रोड-मैप पेश किया जाएगा। अंतरिम बजट में किसी महत्त्वपूर्ण और नई परियोजना की घोषणा नहीं की गई है और न ही आयकर-व्यवस्था में कोई बदलाव किया गया है। फिर भी कुछ घोषणाएं ऐसी हैं, जो मौजूदा परियोजनाओं का विस्तार हैं, लेकिन उनमें लोकलुभावन भाव भी निहित है। सरकार ने आगामी 5 साल में 2 करोड़ पक्के घर बनाने की घोषणा की है, जबकि 3 करोड़ घर बनाने का दावा किया गया है। अंतरिम बजट में 5 साल की योजना की घोषणा की प्रासंगिकता कितनी है? जाहिर है कि भाजपा आगामी सत्ता को लेकर भी आश्वस्त है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 70 फीसदी मकानों का स्वामित्व महिला के नाम है। वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में बताया है कि एक करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बना दिया गया है और आगे 3 करोड़ को ‘लखपति’ बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। यह मोदी सरकार की ‘महिला सशक्तिकरण’ की राजनीति को सत्यापित करती है।

सरकार के 10 साल में 25 करोड़ लोगों को गरीबी-मुक्त किया गया है और यह सरकार की प्रतिबद्धता है। इसके मायने हैं कि देश में गरीबी-रेखा के नीचे जीने वालों की संख्या नगण्य हो गई है! लेकिन यह हकीकत नहीं है। बहरहाल 43 करोड़ को ‘मुद्रा ऋण’ के तहत 22.57 लाख करोड़ रुपए के कर्ज मुहैया कराए गए हैं। स्वरोजगार के लिए 34 लाख करोड़ रुपए के कर्ज भी दिए गए। इनमें 78 लाख रेहड़ी-पटरी वाले भी हैं, जिन्हें आर्थिक मदद दी गई है। बेशक मोदी सरकार ने किसानों पर खजाने लुटाए हैं, लेकिन फिर भी बजट में कहा गया है कि किसानों की आय बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। करीब 12 करोड़ किसानों को सरकार ने कर्ज मुहैया कराए हैं। फसल बीमा योजना का लाभ 4 करोड़ से अधिक किसानों को मिला है। दरअसल ‘मुद्रा लोन’ का घोषित आंकड़ा सवालिया है, क्योंकि पूरे भारत में 26-27 करोड़ परिवार बसते हैं। फिर 43 करोड़ को यह ऋण कैसे दिया जा सकता है? आंगनबाड़ी बहनों की घोषणा भी सवालिया है। एक तरफ उन सेविकाओं को सम्मानजनक मानदेय नहीं दिया जाता। वे मानदेय के नियमित भुगतान को लेकर अक्सर सडक़ों पर प्रदर्शन करने को बाध्य हैं, लेकिन दूसरी ओर उन सभी बहनों को ‘आयुष्मान कार्ड’ देने की घोषणा की गई है। अंतरिम बजट में 3 रेल कॉरिडोर बनाकर आर्थिक विकास करने की घोषणा की गई है। ‘वंदे भारत’ में 41,000 रेल डिब्बे शामिल किए जाएंगे। रक्षा क्षेत्र को ज्यादा आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। बजट में पर्यटन, हरित विकास, प्रदूषणरहित ईंधन, जनसंख्या नियंत्रण व ‘स्किल इंडिया’ योजनाओं की घोषणा भी है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App