दिव्यांग बच्चों की पहचान करें आंगनबाड़ी-आशा वर्कर्ज

By: Mar 21st, 2024 12:16 am

खंड चिकित्सा अधिकारी नगरोटा बगवां डाक्टर रूबी भारद्वाज ने किया आह्वान

जिला संवाददाता- कांगड़ा
(कॉर्ड) चिन्मय ग्रामीण विकास संगठन सिद्धबाड़ी व सेन्स इंडिया इंटरनेशनल के तत्त्वावधान में बुधवार को राज्य स्तरीय आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कॉर्ड से बलबीर गुलेरिया ने बधिरांत व बहु-दिव्यांगता वाले बच्चों की शीघ्र पहचान, दिव्यांगता की रोकथाम के महत्त्व, दिव्यांगता के कारण और रैफरल को समझने की बात कही। श्री गुलेरिया ने बधिरांत व बहु.दिव्यांगता वाले बच्चों की जरूरतों व चुनौतियों को समझने, समावेश व विकास के लिए कॉर्ड के दृष्टिकोण को समझने की बात कही। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यतिथि अशोक शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवाएं द्वारा किया गया। इस मौके पर कॉर्ड की राष्ट्रीय निदेशिका क्षमा मैत्रे भी उपस्थित रहीं।

अशोक शर्मा ने बताया कि अगर मिलकर कार्य करते हैं, तो हम उनकी शीघ्र पहचान कर के शीघ्र हस्तक्षेप कर सकते हैं, तो बधिरांत बच्चों जीवन में मौका व अवसर प्रदान करने चाहिए, ताकि वो अपनी क्षमताओं का निर्माण व उपयोग समाज में कर सके। खंड चिकित्सा अधिकारी नगरोटा बगवां डाक्टर रूबी भारद्वाज ने आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ता से आह्वान किया कि वे भी बधिरांत बच्चों की पहचान करें, ताकि जल्द जल्द से पुनर्वास हेतु कार्य हो सके तथा वे इस योग्य बन जाए कि वे अपने रोजमर्रा के कार्यों को आसानी से कर सके व समाज की मुख्यधार में सम्मिलित हो सकें। इस कार्यशाला में जिला कांगड़ा के चार ब्लॉक धर्मशाला, कांगड़ा, रैत व नगरोटा बगवां से 53 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया, जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता व दिव्यांग व्यक्ति व उनके माता-पिता उपस्थित रहे। साथ ही पहचान संस्था हमीरपुर से चेतना शर्मा, नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड संस्था कुल्लू से शालिनी आर्य पैराडाइस संस्था चंबा से शिवानी ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़े हैं।


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