इतिहास में पहली बार लाहुल-स्पीति में होंगे उपचुनाव

By: Mar 18th, 2024 12:14 am

अपनी ही सरकार में अयोग्य घोषित हुए हैं लाहुल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर

कार्यालय संवाददाता-कुल्लू
चुनावी इतिहास में इस बार पहली बार लाहुल-स्पीति का उपचुनाव जुड़ेगा। अपनी सरकार में ही लाहुल-स्पीति के विधायक पहली बार अयोग्य घोषित हुए। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ क्रॉस वोटिंग करना विधायक पर भारी पड़ा। लिहाजा, लाहुल के चुनावी इतिहास पर सत्तासीन सरकार के विधायक द्वार राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने का दंश खास रहेगा। आज तक इस विधानसभा क्षेत्र में शायद उपचुनाव ही नहीं हुए हैं। लेकिन अपनी सरकार में ही यहां के विधायक विधानसभा की सदस्यता से आयोग्य घोषित हुए। क्रॉस वोटिंग, विधायक का आयोग्य घोषित होना, इसके बाद उपचुनाव की घोषणा होना और फिर चुनावी अध्याय के पन्ने में जुडऩा सदा राजनीतिक चर्चाओं में खास पहलु रहेगा। आज तक हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सबसे ज्यादा विधायक रहे हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ कि अपनी सरकार के कार्यकाल के बीच ही उपचुनाव हो रहे हैं।

अब तक लाहुल-स्पीति जिला उपचुनाव के अध्याय में शायद नहीं जुड़ा था। लाहुल-स्पीति में देवी सिंह ठाकुर, स्व. लता ठाकुर, फुंचोंग राय, डा. रामलाल मार्कंडेय, रघुवीर सिंह ठाकुर, रवि ठाकुर यहां के विधायक रहे। जैसे ही रवि ठाकुर ने दूसरी बार यहां की विधायकी हासिल की तो ठीक एक साल दो महीने बाद ही क्रॉस वोटिंग करना उनकी राजनीति पर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया। विधानसभा से अपनी सरकार में ही आयोग्य घोषित हुए। लेकिन इससे पहले आज तक के इतिहास में कभी नहीं हुआ है। यहां पर 1967 से लेकर अब तक जितने भी विधानसभा चुनाव हुए, उनमें ज्यादातर कांग्रेस के विधायक ही बने। इस बार सत्ता में कांग्रेस सरकार के विधायक अचानक सदस्यता से बाहर हुए। यह इन दिनों राजनीतिक चर्चाओं में अहम मुद्दा बन गया है। जानकारी के अनुसार 1967 में देवी सिंह ठाकुर निर्दलीय विधायक बने। फिर 1972 में स्व. लता ठाकुर कांग्रेस से विधायक बनीं। 1977 में जनता पार्टी से देवी सिंह ठाकुर, 1982, 1985 में कांग्रेस से देवी सिंह ठाकुर, 1990, 1993 में कांग्रेस के फुंचोंग राय,1998 में हिविकां से डा. राम लाल मार्कंडेय विधायक बने। 2003 में रघुवीर सिंह कांग्रेस से विधायक बने। 2007 में भाजपा से डा. राम लाल मार्कंडेय, 2012 में कांग्रेस के रवि ठाकुर, 2017 में भाजपा के डा. राम लाल मार्कंडेय और 2022 में कांग्रेस के रवि ठाकुर विधायक बने। अब विधानसभा की सदस्यता से बाहर हो गए हैं। चुनाव आयोग ने प्रदेश के छह जिलों में उपचुनाव की घोषणा की है। अब रवि ठाकुर की उम्मीदें सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं।

वोटर को रिश्वत देने पर होगी एक साल की जेल
केलांग। जिला निर्वाचन अधिकारी (डीसी) जिला लाहुल-स्पीति राहुल कुमार ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 171 बी और 171 ई के तहत चुनाव में अगर कोई रिश्वत देते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की प्रावधान है। नियमों का उल्लंघन करने पर एक वर्ष तक कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडनीय है। इसके अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 171 सी और 171 एफ के तहत और किसी भी उम्मीदवार या मतदाताए या किसी भी व्यक्ति, जिसमें उम्मीदवार या मतदाता का हित है, को किसी भी प्रकार की चोट पहुंचाने की धमकी देने वाले व्यक्ति को एक तक की कैद की सजा हो सकती है। एक साल या जुर्माना या दोनों। रिश्वत देने वाले और स्वीकार करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज करने और मतदाताओं को डराने-धमकाने में लगे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उडऩ दस्तों का गठन किया है। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे किसी भी रूप में रिश्वत की पेशकश करने और स्वीकार करने से बचें। किसी को भी रिश्वत की पेशकश करने या मतदाताओं को धमकी, धमकी देने के मामले की जानकारी हो तो वह जिले के कार्यात्मक शिकायत निगरानी सेल को टोल फ्री नंबर1950 या 01900-293111 पर सूचित कर सकता है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App