CM ने 10 फीसदी बढ़ाया देवताओं का नजराना, छोटी काशी में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का आगाज

By: Mar 10th, 2024 12:05 am

अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में शाही अंदाज में निकली भगवान राजमाधव की जलेब
हजारों देवलु और 27 देवी- देवताओं ने नाचते गाते की शिरकत

दिव्य हिमाचल ब्यूरो— मंडी
नववर्ष के पहले देवमहाकुंभ की शानदार शुरुआत शनिवार को छोटी काशी मंडी में हो गई। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का आगाज विधिवत रूप से प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को छोटी काशी मंडी के पड्डल मैदान से किया। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में भगवान राजमाधव की पहली शाही जलेब राजमाधव मंदिर से लेकर पड्डल मैदान तक निकाली गई, जिसमें हजारों देवलु और 27 देवी- देवताओं ने नाचते गाते शिरकत की। इस जलेब में भगवान राजमाधव भी पूरी शानोशौकत के साथ अपनी पालकी में सवार होकर निकले, जबकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुली जीप में सवार होकर लोगों का अभिनंदन स्वीकार किया। वहीं पहली शाही जलेब को देखनेके लिए हजारों लोग उमड़े और उपायुक्त कार्यालय से लेकर पड्डल मैदान में पहुंचने में ही जलेब को डेढ़ घंटे से अधिक का समय लग गया। वहीं पड्डल मैदान में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने देवी-देवताओं को नमन किया और देवताओं के नजराने के साथ ही बजंतरियों के मानदेय में भी दस-दस प्रतिशत की बढ़ोतरी करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार देवी-देवताओं में विश्वास रखती है और देव समाज की जो भी मांगें होंगी, उन्हें पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी देवी-देवताओं के प्रति अपार श्रद्धा है और इनके आशीर्वाद से सरकार अपने पांच वर्ष पूरे करेगी। इससे पहले मुख्यमंत्री उपायुक्त कार्यालय में पगड़ी बांधने की रस्म में शामिल हुए। शिवरात्रि महोत्सव की मुख्य पगड़ी सबसे पहले प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को बंधवाई गई। इसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी अराधे राजमाधव की उनके मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की। इसके बाद वह खुली जीप में अपने सहयोगियों के साथ सवार होकर निकले और लोगों का अभिनंदन स्वीकार किया। पड्डल मैदान पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री ने विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का भी उदघाटन किया।

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव की स्मारिका का भी विमोचन किया। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का समापन 15 मार्च को होगा। 12 मार्च को शिवरात्रि महोत्सव की दूसरी शाही जलेब निकाली जाएगी, जबकि 15 मार्च को अंतिम शाही जलेब और चौहटा की जातर के बाद अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का समापन हो जाएगा, जिसके बाद देवी-देवता अपने घरों को लौट जाएंगे। शिवरात्रि महोत्सव के दौरान छह सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन भी किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक अनिल शर्मा, विधायक चंद्रशेखर, भुवनेश्वर गौड़, सुरेश कुमार, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप पठानिया, एपीएमसी अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, महापौर वीरेंद्र भट्ट, पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर, पूर्व संसदीय सचिव सोहन लाल ठाकुर, कांग्रेस नेता चंपा ठाकुर, पवन ठाकुर, जीवन ठाकुर, उपायुक्त अपूर्व देवगन, पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा व सर्व देवता समिति के अध्यक्ष शिवपाल शर्मा सहित मेला समिति के सभी पदाधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे। ये देवी-देवता जलेब में हुए शामिल : शिवरात्रि महोत्सव की पहली जलेब में करीब 27 देवी-देवताओं ने भाग लिया। जलेब में श्रीदेव माधोराय, छमाहूं नाग, छांजणू, महाऋषि मार्केंडय कोटलू, विष्णु देव मतलोड़ा (बड़ा देव सराज), श्रीदेवी अंबिका, देव शैटीनाग इलाका डाहर, मगरु महादेव, बायला नारायण, नागचपलांदू, विष्णु नारायण, श्रीदेव लक्ष्मी नारायण, श्रीदेव घडौनी नारायण, श्रीदेव पशाकोट, देव पेखरा , हुरंग नारायण, माता महामाया, देवश्री तुंगासी, मां अंबिका, देव टुंडीवीर, श्रीगणपति देवी तुंगासी, माता महामाया, डाहर की अंबिका, विष्णू देव मतलोड़ा, देव चुंजवाला सहित अन्य देवी-देवता जलेब में शामिल हुए।

186 से अधिक देवी-देवता पहुंचे, और आने की उम्मीद

अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के लिए 216 पंजीकृत देवी-देवताओं में से 186 से अधिक देवी-देवता छोटी काशी पहुंच गए हैं। इन देवी-देवताओं के साथ हजारों देवलु भी आए हैं। देवी-देवताओं के मंडी आने से छोटी काशी अब दिन-रात देव ध्वनियों से गंूज रही है। देवी-देवता लोगों के घरों और प्रशासन के मेहमान बने हुए हैं। अगले सात दिनों तक छोटी काशी का नाजारा स्वर्ग सा बना रहेगा। अभी और देवी-देवताओं के महोत्सव में आने की उम्मीद है।


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